भाजपा को हर जगह जीत क्योंकि सत्ता का सपोर्ट....

रायपुर (ए)। विधानसभा, फिर लोकसभा और अब नगर निगम के चुनाव…आखिरकार निपट ही गए। महाकुंभ हिन्दुत्व में आस्था का सैलाब लेकर आया और इसके बाद दिल्ली चुनाव के नतीजों ने भारतीय जनता पार्टी के अंदर जो जोश भरा, उसका थोड़ा-बहुत असर तो छत्तीसगढ़ के नगर निगम चुनाव में भी पड़ना स्वाभाविक है। शाम 5 बजे वोटिंग पूरी होने के बाद अब चर्चा इस बात की है कि कहां-कहां कौन महापौर बन रहा है? अगर अनुमान गलत नहीं हों, तो ऐसा न हो जाए कि भाजपा 10 में 10 नंबर लेकर आ जाए। कांग्रेस को महापौर की एक भी सीट के लिए तरसना पड़े। हालांकि चिरमिरी में कांटे की टक्कर बताई जा रही है।
दरअसल, विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस का जो समीकरण गड़बड़ाया, वो फिर सुधर ही नहीं सका। सरगुजा और बस्तर ने कांग्रेस को जो डेंट किया, उससे कांग्रेस उबर ही नहीं पाई। ये सही है कि निगम के चुनावी मुद्दे बिल्कुल अलग होते हैं, विधानसभा के अलग और लोकसभा के अलग, लेकिन जनता शायद ये समझ चुकी है कि प्रदेश में जिसकी सरकार होगी, निगम में मेयर उसका होगा तो काम आसानी से होंगे।
इस निगम चुनाव में कहीं न कहीं, ये फैक्टर आम लोगों के बीच सुनाई दिया। ऐसा नहीं है कि सालभर कांग्रेस अग्रेसिव नहीं रही। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को पूरा मौका दिया। साय सरकार बनने के बाद तुरंत शराब लॉबी सक्रिय हुई। संगठन के बीच से ही ऐसे नाम बाजार में उछलने लगे कि शराब में वही हो रहा है, जो कांग्रेस के समय होता था। ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामलों में हाउस तक को कांग्रेस ने घेरा। इसके बाद बेमेतरा कांड, बलौदाबाजार कांड, सरगुजा क्षेत्र में पुलिस परिवार की हत्या, लॉ एंड ऑर्डर को लेकर लगातार प्रदर्शन इन सबको लेकर कांग्रेस ने सालभर आवाज बुलंद की।
ये जनता के कानों में जाने भी लगी थी कि अचानक चुनाव आते-आते सब कुछ फुस्स हो गया। न प्रदर्शन, न धरना, न शोर-शराबा। बड़े प्यार से चुनाव हुआ और खामोशी से भाजपा ने अपने शुरुआती दिनों में बिगड़े परसेप्शन को ठीक कर लिया। नतीजा यह रहा कि निगम चुनाव आते-आते भाजपा-भाजपा सुनाई देने लगा। ऐसा नहीं है कि ये अचानक हो गया हो। प्रशासन में जिस स्तर पर बदलाव हुए, जो कसावट लाई गई, दिल्ली से अफसरों को बुलाकर सिर माथे पर बिठाया गया, उसने परसेप्शन बदला। अब चीजें वैसे बाहर नहीं आ रहीं, जैसे शुरुआती दिनों में आ रही थीं। इससे पॉलिटिकल परसेप्शन सीधा बनता है और ये परसेप्शन वोट में कन्वर्ट होता है।