रामगढ़ के जंगल धधकने लगे… हर रोज़ सुलग रही हरियाली

महुआ बीनने वालों पर शक, वन्यजीवों की जान खतरे में, जंगल बचाने में जुटे वनकर्मी

रामगढ़ के जंगल धधकने लगे… हर रोज़ सुलग रही हरियाली

सरगुजा। सरगुजा के रामगढ़ के घने जंगलों में हर दिन आग की लपटें उठ रही हैं, जिससे प्राकृतिक संपदा और जैव विविधता पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। वन विभाग की टीमें दिन-रात आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन कुछ हिस्सों में अब भी लपटें बेकाबू हैं। विभागीय अधिकारियों को आशंका है कि महुआ बीनने वालों द्वारा लगाई गई आग, जंगल की तबाही का कारण बन रही है।

उदयपुर वन परिक्षेत्र के रामगढ़ पहाड़ी, खोंधला लाखन दाई पहाड़ी, दौलतपुर, राईचूंवा, लक्ष्मणगढ़ और अन्य क्षेत्रों में बीते एक सप्ताह में कई स्थानों पर भीषण आग लग चुकी है। दूर-दराज के इलाकों में अब भी जंगल जल रहे हैं। रामगढ़ की ऐतिहासिक पहाड़ियों में फैली आग अब ग्राम दावा की ओर से खाई की तरफ तेजी से बढ़ रही है, जिसने पहाड़ी के दो-तिहाई हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया है।

मार्च से शुरू हुआ महुआ सीजन इस आगजनी की बड़ी वजह बनता जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा सूखी पत्तियों को हटाने के लिए जंगल में जानबूझकर लगाई गई आग, तेजी से फैलती जा रही है। सरगुजा के उदयपुर क्षेत्र को महुआ का प्रमुख उत्पादन क्षेत्र माना जाता है और यही आग अब वन्यजीवों व औषधीय पौधों के लिए जानलेवा साबित हो रही है।

यह क्षेत्र हसदेव अरण्य के अंतर्गत आता है, जिसे जैव विविधता का गहना माना जाता है। लगातार लग रही आग से न केवल वन्य प्राणी पलायन कर रहे हैं, बल्कि कई औषधीय वनस्पतियां भी नष्ट हो रही हैं। वन विभाग ने ग्रामीणों को जंगल में आग न लगाने की शपथ दिलाई है, साथ ही जनजागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।