रायपुर अदालत की पार्किंग बनी चुनावी मुद्दा....रोजाना कोर्ट आने 6 हजार लोगो को होती है परेशानी

रायपुर अदालत की पार्किंग बनी चुनावी मुद्दा....रोजाना कोर्ट आने 6 हजार लोगो को होती है परेशानी

रायपुर की अदालत में 9 फरवरी को जिला अधिवक्ता संघ का चुनाव होने वाला है। इस बार के चुनाव में कोर्ट परिसर की पार्किंग प्रमुख मुद्दा है । रायपुर कोर्ट में रोजाना 6000 लोगों को परेशानी होती है जिसके कारण चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों के एजेंडे़ में अव्यवस्थित पार्किंग को सुधारने का प्रमुख शामिल है।

रायपुर जिला अधिवक्ता संघ के प्रबंध कार्यकारिणी के चुनाव में 56 प्रत्याशी मैदान पर है। इस चुनाव में अध्यक्ष, सचिव, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष समेत 11 पदों के लिए चुनाव हो रहे है। 9 फरवरी को होने वाले इस चुनाव में 2368 वकील चुनाव करेंगे । इस चुनाव में वकीलों के ग्रुप इंश्योरेंस और जूनियर एडवोकेट के लिए बैठक व्यवस्था समेत अन्य मुद्दे शामिल है। 

अध्यक्ष पद के लिए चुनाव मैदान पर उतरे एडवोकेट आनंद मोहन ठाकुर ने कहा कि प्रमुख मुद्दा कोर्ट में अवस्थित पार्किंग को सुधारना है । इसी के साथ जूनियर एडवोकेट की बैठने की व्यवस्था नहीं है उनके लंच और उनके नाश्ते और टेली कम्युनिकेशन की कमी को दूर करना।

ज्यूडिशियल और नॉन ज्यूडिशियल अथॉरिटी के बीच कानफ्लिक्ट बना रहता है, अधिवक्ताओं के हित के लिए उसे अच्छे से प्रेजेंट करना मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी। एडवोकेट के जीवन में और मृत्यु के उपरांत अधिवक्ताओं को आर्थिक सहयोग मिले आर्थिक, और मृत्यु के बाद उनके आश्रितों को भी अर्थिक सहयोग मिले इन विषयो को लेकर भी निर्णय लिया जाएगा।

अध्यक्ष पद में खड़े हुए हितेंद्र तिवारी ने बताया अधिवक्ताओं के लिए ग्रुप इंश्योरेंस, जूनियर एडवोकेट के बैठने की व्यवस्था, महिला एडवोकेट के लिए कॉमन रूप की व्यवस्था के साथ साफ वाश रूप की व्यवस्था की जाएगी।

कोर्ट परिसर में पार्किंग को सुधारना। उसके साथ ही वकीलों को डेथ क्लेम और मेडिकल क्लेम की राशि को बढ़वाना । अभी वकीलों को 1 लाख रुपए मेडिकल क्लेम मिलता है जिसे बढ़वा कर 5 लाख रुपए और डैथ क्लेम की राशि को10 लाख रुपए करवाना ।

अधिवक्ता कल्याण योजना की राशि बढ़वाना

अध्यक्ष पद के प्रत्याशी दिनेश देवांगन ने बताया की अध्यक्ष पद के कई विषयों को लेकर चुनाव लड़ रहा हूं। परिसर में पार्किंग व्यवस्था दुरुस्त करना, जूनियर वकीलों के लिए बैठक व्यवथा करना। बार और बैच के बीच अच्छे संबंध स्थापित करना।

सीनियर को सम्मान और जूनियर को सपोर्ट नही मिल पाता है उसे सुधारना उसके लिए कार्य करना। वही अधिवक्ता कल्याण योजना के लिए मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी करना। सामूहिक बीमा जैसे कई मुद्दों को लेकर मेरी प्राथमिकता रहेगी।