विश्व गौरेया दिवस: पर्यावरण संरक्षण की ओर एक महत्वपूर्ण कदम

गौरैया बचाने की पहल, प्रकृति प्रेमियों का जागरूकता अभियान

विश्व गौरेया दिवस: पर्यावरण संरक्षण की ओर एक महत्वपूर्ण कदम

भिलाई. हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य गौरैया और अन्य सामान्य पक्षियों की घटती संख्या के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उनके संरक्षण के लिए प्रयास करना है। पर्यावरण प्रेमी प्रशांत कुमार क्षीरसागर अपने परिवार और सहयोगियों के साथ इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं।

शहरीकरण, प्रदूषण, कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग और वृक्षों की कटाई के कारण गौरैया का प्राकृतिक आवास सिमटता जा रहा है, जिससे उनकी संख्या में भारी गिरावट आई है। गौरैया की घटती संख्या का मुख्य कारण उनके प्रजनन स्थल का अभाव और भोजन की कमी है।

प्रशांत कुमार क्षीरसागर ने बताया कि गौरैया संरक्षण के लिए घोंसले और फीडर लगाने, घरों में लकड़ी के छोटे-छोटे घोंसले और पानी के पात्र रखने तथा अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस अभियान को जन-जागृति से जोड़ने का आह्वान किया, ताकि लोग गौरैया संरक्षण की जिम्मेदारी समझें और इसमें सक्रिय भागीदारी निभाएं।

इस वर्ष विश्व गौरैया दिवस की थीम "आई लव स्पैरो" रखी गई है, जो लोगों को गौरैया के प्रति प्रेम और जुड़ाव को प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित करती है। एक समय था जब गौरैया हर घर का हिस्सा हुआ करती थी, लेकिन अब यह संकट में है। इस अवसर पर पर्यावरण प्रेमी ओम क्षीरसागर, पियूष क्षीरसागर, सिद्धांत क्षीरसागर, राहुल बीसाई, आदित्य नारायण शर्मा, मृणाल दत्ता और योगेश जैसे कई प्रकृति प्रेमी इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।

गौरैया संरक्षण केवल एक दिन की पहल नहीं बल्कि एक सतत प्रयास है, जिसे हम सभी को मिलकर अपनाना चाहिए।