स्कूल बनाने को लेकर जमकर विवाद, करनी पड़ी जन सुनवाई:सरपंच और ग्रामीण हुए एक दूसरे के विरोध में, बैठक कर सुनवाई करने पहुंचे अधिकारी

दुर्ग. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला अंतर्गत हनोदा गांव में स्कूल बनाने के मामले में सरपंच और ग्रामीण एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए हैं। सरपंच का कहना है कि नया स्कूल वहीं बनेगा, जहां पुराना था। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि पुराने स्कूल की जमीन को खेल मैदान के रूप में छोड़ा जाए और नए स्कूल भवन को गांव से लगती दूसरी जमीन पर बनाया जाए। इसके बाद गृहमंत्री के निर्देश पर राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारियों गांव में बैठक बुलाई और लोगों की मांग को सुना।
आपको बता दें कि शासकीय प्राथमिक शाला हनोदा की बिल्डिंग जरजर हो जाने से वहां पर शासन से मिडिल स्कूल बनाने के लिए राशि प्रस्तावित हुई है। इस गांव के सरपंच का कहना है कि प्रस्ताव व अनुदान शासन की तरफ से पास हो गया है। अब जगह नहीं बदली जा सकती है। स्कूल भवन वहीं बनेगा, जहां पर पुराना स्कूल भवन था। जबकि गांव के लोग इस निर्णय के खिलाफ खड़े हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान समय में ग्रामवासियों के पास ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां वो लोग इकट्ठा होकर तीज त्यौहार मना सकें। इसलिए वो लोग चाहते हैं कि गांव के हाई स्कूल के पास ही मिडिल स्कूल भवन भी बना दिया जाए। इससे प्राथमिक शाला की जमीन पर गांव के बेच खेल कूद सकेंगे और ग्रामीण तीज त्यौहार मना सकेंगे। सरपंच ने जब गांव वालों की बात नहीं मानी तो वो लोग उसके विरोध में खड़े हो गए।
गृहमंत्री ने बैठक कर आपसी सहमति बनाने के दिए निर्देश
सरपंच की दबंगई के खिलाफ पूरा गांव एक हो गया। सभी ग्रामीण जाकर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से मिले। उन्होंने गृहमंत्री को आवेदन देकर मामले की शिकायत की। इस पर गृहमंत्री ने कहा कि आप सभी एक साथ बैठकर विचार विमर्श कर लीजिए और आपसी सहमति से डिसीजन ले लीजिए। इसके बाद शनिवार को गांव में बैठक बुलाई गई। सभी ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे, लेकिन सरपंच उनके दिए प्रस्ताव को मानने को तैयार ही नहीं हुआ।
सरपंच के दबंगई से परेशान हैं गांव वाले
बैठक कराने के लिए राजस्व विभाग के अधिकारी और पुलिस अधिकारी पहुंचे। उन्होंने बकायदा टेंट लगाकर सभी ग्रामीणों और सरपंच की बात सुनी। गांव वालों ने कहा कि सरपंच अपनी दबंगई में रहता है। उसे ग्रामीणों के दुख तकलीफ से कोई वास्ता नहीं है। इसलिए वो ऐसे सरपंच को नहीं चाहते हैं।