हलाकान हुआ शहर:ट्रक-बसों की हड़ताल खत्म लेकिन अभी 24 घंटे तक बना रहेगा असर, कल तक पहुंचेंगी दूसरे राज्यों की गाडि़यां

हलाकान हुआ शहर:ट्रक-बसों की हड़ताल खत्म लेकिन अभी 24 घंटे तक बना रहेगा असर, कल तक पहुंचेंगी दूसरे राज्यों की गाडि़यां

हिट एंड रन कानून में किए जा रहे बदलाव के विरोध में ट्रक-बस ड्राइवरों की हड़ताल का असर मंगलवार को राजधानी में दिखा। शहर के लगभग सभी पंपों में पेट्रोल-डीजल भराने के लिए वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगीं। हड़ताल की वजह से सप्लाई ठप होने की आशंका से लोग पंपों में टूट पड़े और टंकी फुल करवाने लगे।

इस वजह से कई पंप ड्राई होने के कारण बंद करने पड़े। दोपहर बाद ​डिपो से पेट्रोल टैंकर पुलिस की निगरानी में लाए गए। अलबत्ता बाहर से सब्जी नहीं आई और बसें भी नहीं चलीं। मंगलवार देर रात हड़ताल खत्म हो गई। बुधवार से बसें नियमित रूप से चलेंगी। दूसरे राज्यों से सब्जी और अन्य आवश्यक वस्तुओं को लाने वाली गा​ड़ियां गुरुवार तक रायपुर पहुंचेंगी।

ट्रक-बस ड्राइवरों की हड़ताल से लोग मंगलवार को इतने आशंकित हो गए थे कि पेट्रोल-डीजल भरवाने के िलए दिनभर होड़ मची रही। इस वजह से सुबह से सभी पंपों में वाहनों की कतारें लग गई। कुछ लोग तो सुबह साढ़े पांच बजे से पेट्रोल पंप पहुंच गए। कुछ पंपों में एक व्यक्ति के लिए एक से दो लीटर की लिमिट तय कर दी गई। मंदिरहसौद रोड़ पर हड़ताल समर्थकों ने ट्रैंकरों को रोकने के प्रयास किए, लेकिन पुलिस ने पहुंचकर उन्हें रवाना करवा दिया।

डूमरतराई श्रीराम थोक सब्जी मंडी में मंगलवार को पांच से छह ट्रक ही पहुंचे, जबकि आम दिनों में औसतन 55 से 60 ट्रक पहुंचते हैं। रायपुर में देश के अलग-अलग राज्यों से सब्जियां पहुंचती हैं। उन्हें रास्ते में ही रोक लिया गया। कहीं-कहीं किसानों के खेतों में पहुंचकर हड़ताल समर्थकों ने माल लोड ही नहीं होने दिया। ठंड के सीजन में इस समय लोकल सब्जियों की बंपर आवक है। इसलिए न तो कमी हुई न दाम बढ़े।

गैस की होम डिलीवरी ज्यादातर जगह बंद

ज्यादातर एजेंसियों में होम डिलीवरी बंद रही। ऑनलाइन बुकिंग के बाद जरूरतमंदों को सिलेंडर लेने के लिए एजेंसी जाना पड़ रहा है। एजेंसी से पर्ची लेने के बाद गोदाम से सिलेंडर की डिलीवरी हुई। पर्ची लेने के लिए एजेंसी के दफ्तर में भीड़ लगी रही।

बसों की हड़ताल होने के कारण आउटर के दो बड़े स्कूलों में छुट्टी रही। कुछ जगह पैरेट्स खुद ही बच्चों को स्कूल लेकर गए। बुधवार को स्कूल ​भी नियमित टाइम पर खुलेंगे। इस बीच मंगलवार को एक-दो कॉलेजों में ऑनलाइन पढ़ाई भी हुई। हिट एंड रन के मामले में भले ही ट्रक और बस ऑपरेटरों के साथ ड्राइवर हड़ताल पर हैं, लेकिन ये तथ्य चौंकाने वाला है कि नए कानून का ज्यादा असर कार और छोटी गाड़ी वालों पर पड़ेगा। बसों और ट्रकों की तुलना में ज्यादातर हादसों में कार चलाने वाले किसी को भी चपेट में लेने के बाद अस्पताल पहुंचाना तो दूर वहां ठहरते तक नहीं हैं। राजधानी रायपुर पिछले एक साल में 1858 हादसे में 483 मौतें हुईं। इनमें 247 मौतें हिट एंड रन की हैं। इसमें 185 लोगों को कार-पिकअप ने कुचला जबकि 62 लोगों की जान ट्रक-ट्रेलर की चपेट में आने से हुई हैं।

पुलिस रिकार्ड में दर्ज मौत के आंकड़ों की पड़ताल करने से ही खुलासा हो रहा है कि बस-ट्रक की तुलना में कार वाले सड़क हादसे के बाद घटनास्थल पर नहीं ठहरते। वे ये तक नहीं देखते कि उनकी गाड़ी की चपेट में आने वाला किस स्थिति में है। पुलिस के ट्रैफिक विशेषज्ञों के अनुसार केवल रायपुर और छत्तीसगढ़ नहीं पूरे देश में लगभग यही स्थिति है। देश के लगभग सभी राज्यों में ट्रकों या अन्य भारी वाहनों की तुलना में कार वाले हिट एंड रन के मामले में आगे हैं। इसके बावजूद बस और ट्रक वाले ही नए कानून के विरोध में उतरे हैं और आम लोग परेशान हो रहे हैं।