दुर्ग में सुशासन तिहार 2025 के तीसरे चरण का आगाज़: कलेक्टर ने दी विस्तार से जानकारी

समाधान शिविरों में समस्याओं के त्वरित निपटारे से लेकर योजनाओं की समीक्षा तक, आम जनता से सीधे संवाद की होगी व्यवस्था

दुर्ग जिले में सुशासन तिहार 2025 अब अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है। कलेक्टर अभिजीत सिंह ने प्रेस वार्ता में तीसरे चरण की रूपरेखा साझा करते हुए बताया कि इस अभियान का मकसद न केवल जनता की शिकायतों और मांगों का समाधान करना है, बल्कि योजनाओं की पारदर्शिता और क्रियान्वयन की गति भी बढ़ाना है। समाधान शिविरों के माध्यम से आम जनता को उनके आवेदनों की स्थिति की जानकारी दी जाएगी, साथ ही मौके पर ही कई समस्याओं का समाधान भी किया जाएगा।

दुर्ग। कलेक्टर अभिजीत सिंह ने कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता के माध्यम से सुशासन तिहार 2025 के तीसरे चरण की विधिवत शुरुआत की जानकारी दी। इस अवसर पर कई वरिष्ठ अधिकारी और मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

कलेक्टर ने बताया कि राज्य सरकार सुशासन को मजबूत करने हेतु प्रतिबद्ध है, और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार यह अभियान तीन चरणों में संचालित किया जा रहा है। पहला चरण 8 से 11 अप्रैल के बीच आम जनता से आवेदन प्राप्त करने के लिए आयोजित किया गया, जिनमें कुल 1,19,650 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें 1,15,489 मांगें और 4,161 शिकायतें थीं।

दूसरे चरण में इन आवेदनों को स्कैन कर डिजिटल माध्यम से संबंधित विभागों को भेजा गया और 88.97% आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। मांगों का निराकरण बजट की उपलब्धता और प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। कई मांगे प्रधानमंत्री आवास योजना व उज्जवला योजना से जुड़ी हैं, जिनके लिए केंद्र सरकार से अतिरिक्त लक्ष्य मांगे गए हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 88480 नए नाम आवास प्लस 2.0 सर्वे के जरिए जोड़े गए हैं। "मोर दुआर साय सरकार" अभियान के तहत भी 52809 हितग्राहियों का नाम जोड़ा गया है।

  • अब 5 मई से 30 मई तक तीसरे चरण में जिले के 73 समाधान शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इन शिविरों में:
  • आवेदकों को उनके आवेदन की स्थिति से अवगत कराया जाएगा।
  • कई समस्याओं का स्थल पर ही निराकरण किया जाएगा।
  • विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाएगी जैसे टीबी उन्मूलन, फसल चक्र, सिकलसेल, टीकाकरण आदि।
  • विभागीय अधिकारी हितग्राहीमूलक योजनाओं के आवेदन/प्रपत्र भी वितरित करेंगे।

मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, मंत्रीगण और वरिष्ठ अधिकारी स्वयं कई शिविरों में शामिल होकर जन संवाद, योजनाओं का निरीक्षण, और फीडबैक भी लेंगे। प्रेस वार्ता में कलेक्टर ने मीडिया से अपील की कि वे इन शिविरों के प्रचार-प्रसार में सहयोग करें ताकि अधिक से अधिक लोग लाभांवित हो सकें।