बिना लाइसेंस संचालित था उद्योग, सो रहे थे जिम्मेदार....कलेक्टर ने जारी किया शो कॉज नोटिस....

बिना लाइसेंस संचालित था उद्योग, सो रहे थे जिम्मेदार....कलेक्टर ने जारी किया शो कॉज नोटिस....

पिछले सप्ताह नंदिनी रोड में एसीसी प्लांट के पास स्थित जेएमडी उद्योग में भीषण आग लगी थी। इस आग में टैंकर सहित दो ट्रक और करोड़ों रुपए का कैमिकल जल गया था। इसकी जांच के दौरान एक चौकाने वाली सच्चाई सामने आई है कि ये उद्योग बिना लाइसेंस के संचालित हो रहा था और जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है। अब इस मामले में कलेक्टर ने उद्योग संचालक को नोटिस जारी किया है।

जानकारी के मुताबिक पेंट में उपयोग होने वाला कैमिकल की सप्लाई करने वाली कंपनी जेएमडी उद्योग में 1 अप्रैल को भीषण आग लग गई थी। आगजनी के बाद तीन अलग-अलग टीमों ने मामले की जांच की थी। उद्योग विभाग, उद्योग सुरक्षा विभाग और अग्निशमन विभाग ने मिलकर अपनी जांट रिपोर्ट को कलेक्टर को सौंप दिया है। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर दुर्ग ऋचा प्रकाश चौधरी ने जेएमडी उद्योग, छावनी के संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
जिला उद्योग केंद्र दुर्ग के प्रबंधक सुमन एक्का का कहना है कि उद्यमी ने प्रोडक्शन सर्टिफिकेट के लिए अब तक आवेदन ही नहीं किया है। इसकी वजह से अनुमति नहीं दी गई और वो बिना अनुमति के ही उद्योग का संचालन करने लगा। इसकी जांच की जा रही है कि ये कैसे किया गया। हेल्थ एंड सेफ्टी विभाग के आशुतोष पाण्डेय का कहना है कि उद्योग में जिस थिनर (कैमिकल) को खाली किया जा रहा था वो अतिज्वलंतशील पदार्थ था। इसके बाद भी उसको खाली करते समय अर्थिंग का उयोग नहीं किया गया। वहां प्रॉपर अर्थिंग नहीं होने से स्पार्किंग हुई और वहां आग लगी है। यह घटना लापरवाही की वजह से घटी है। मामले में जांच जारी है।

ऐसा ही कुछ अग्निश्मन विभाग के कमांडेंट नागेंद्र सिंह का भी कहना है कि उन्होंने बताया कि जहां पर कैमिकल अनलोड हो रहा था वहां जमीन पर प्रॉपर अर्थिंग नहीं था। इसी लापरवाही से वहां स्पार्क हो गया और टैंकर में आग लग गई। राहत की बात यह रही कि इस दुर्घटना में किसी की जान नहीं गई। जेएमडी उद्योग भिलाई में जिस कैमिकल से भरे टैंकर में आग लगी वो उसे लेकर गुजरात से यहां पहुंचा था। उसमें करीब 40 हजार लीटर अति ज्वलंतशील पदार्थ था। जब टैंकर से ये कमिकल खाली किया जाता है तो उस समय वहां अर्थिंग की व्यवस्था करनी होती है। ताकि किसी तरह से आगजनी न हो। यह इंतजाम कंपनी संचालक ने नहीं किया था। इससे वहां स्पार्किंग हो गई और आग लगने की दुर्घटना हो गई।

जिला उद्योग केंद्र दुर्ग से पता करने पर यह जानकारी मिली की उद्योग के संचालक ने कुछ समय पहले ही करीब एक एकड़ जमीन उद्योग के नाम पर अलाट कराया था। उसने उद्योग शुरू करने के लिए न तो लाइसेंस लिया और न प्रोडक्शन सर्टिफिकेट के लिए कोई आवेदन किया। खाली जमीन में ढांचा खड़ा करके अवैध रूप से उद्योग का संचालन शुरू कर दिया। जबकि नियम के मुताबिक कैमिकल उद्योग शुरू करने से पहले 7-8 विभागों से एनओसी लेनी होती है।