स्वास्थ्य मितानों को पिछले चार महीने से वेतन नहीं आयुष्मान कार्ड बनाना बंद, 700 परिवार संकट में

केंद्र और राज्य सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनाने का काम राज्य के कई जिलों में बंद हो गया है। लोग कार्ड बनवाने के लिए भटक रहे हैं। दरअसल, इस योजना के तहत नियुक्त किए गए स्वास्थ्य मितानों को पिछले चार महीने से वेतन नहीं मिला है। वेतन के लिए वे स्वास्थ्यव विभाग के अधिकारियों से मिलकर अपनी बात रख चुके हैं। उन्हें नियुक्ति देने वाली एजेंसी को हटा दिया गया है। इस वजह से भी मितानिनों को समझ नहीं आ रहा है कि वे अपने वेतन के लिए कहां जाएं। 700 से ज्यादा परिवार इस त्योहार के समय में आर्थिक संकट से झूझ रहे हैं।
आयुष्मान भारत योजना के तहत राज्य शासन से अनुबंधित कंपनी (टीपीए) एफएचपीएल ने स्वास्थ्य मितान की भर्ती की है। ये मितानिन पूरे प्रदेश में सेवाएं दे रही हैं। पिछले चार माह से एपएचपील कंपनी ने स्वास्थ्य मितान को वेतन का भुगतान नहीं किया है। इस बीच स्वास्थ्य विभाग ने एसएचआरसी स्टेट हेल्थ रिसोर्स सेंटर का नियंत्रण निजी कंपनी से ले लिया है। अब स्वास्थ्य विभाग की ओर से उनके वेतन के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। एक ओर मितानिनों को कंपनी ने पैसे नहीं दिए थे। अब स्वास्थ्य विभाग के अफसर उनकी सेवा शर्तों का परीक्षण कर रहा है।
इस वजह से वेतन अटक गया है। इस तरह ऐन नवरात्रि, दशहरा और अब दीपावली के समय वेतन नहीं मिला है। इससे आयुष्मान कार्ड बनने में दिक्कत आ रही है। स्वास्थ्य मितानों का कहना है कि पिछले माह कोरबा जिले के सीएमएचओ आफिस में काम करने वाले काशीराम पटेल (स्वास्थ्य मितान) की एक ट्रक दुर्घटना में मृत्यु हो गई। मृतक की 8 माह की गर्भवती पत्नी और एक बच्चा है। कंपनी ने किसी भी प्रकार का कोई सहयोग मृतक के परिवार को नहीं किया।
वेतन से संबंधित और काशीराम पटेल के आर्थिक मदद के लिए पूरे राज्य के स्वास्थ्य मितान स्वास्थ्य मंत्री से रायपुर में उनके निवास में मिले। मंत्री ने तुरंत संचालक स्वास्थ्य सेवाए ऋतुराज रघुवंशी को फोन करके वेतन से संबंधित समस्या दूर करने के लिए कहा। इसके बाद सभी स्वास्थ्य मितान पुराना नर्सेज हॉस्टल के पास एफएचपीएल कंपनी के ऑफिस गए।