6 करोड़ के 93 कामों में ठेकेदारों को नहीं लेने दिया भाग, हुआ जमकर बवाल

6 करोड़ के 93 कामों में ठेकेदारों को नहीं लेने दिया भाग, हुआ जमकर बवाल

भिलाई। छत्तीसगढ़ के रिसाली नगर निगम में टेंडर के नाम पर खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है। यहां शहर सरकार ही ठेकेदार बन गई है। बीते दिनों रिसाली में 6 करोड़ रुपए के 93 विकास कार्य के टेंडर जारी किए गए थे। इन सभी टेंडर को यहां एल्डरमैन, एमआईसी मेंबर और पार्षदों ने सिंडीकेट बनाकर बांट लिया। जब ठेकेदार टेंडर फार्म लेने गए तो उन्हें बैरंग लौटा दिया गया। इससे रिसाली में जमकर बवाल हुआ। इसके बाद ठेकेदार संघ ने मामले की शिकायत निगम आयुक्त के माध्यम से सीएम, पीएमओ से लेकर ईडी और ईओडब्ल्यू तक की है।

ठेकेदार संघ के नए अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि रिसाली नगर निगम में पीडब्ल्यूडी मैनुअल और नगर निगम अधिनियम के खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। यहां विकास कार्य के लिए टेंडर तो जारी किए जाते हैं, लेकिन वो टेंडर वहीं लेगा, जिसे वहां की नगर सरकार देना चाहेगी। यहां कुछ दिन पहले 6 करोड़ रुपए कीमत के 93 अलग-अलग विकास कार्यों के टेंडर जारी किए गए थे। इस टेंडर की लास्ट डेट 23 जून थी। इन सभी टेंडर को वार्ड वाइज वहां के पार्षद, एल्डरमैन और एमआईसी मेंबर को दे दिया गया। इसके बाद उन लोगों ने 10 प्रतिशत कमीशन लेकर अपने आदमी को टेंडर फार्म दिया। दूसरे ठेकेदार जब टेंडर फार्म लेने गए तो वहां के बाबू ने टेंडर फार्म देने से ही मना कर दिया। इसके चलते मंगलवार शाम को रिसाली नगर निगम में ठेकेदारों ने जमकर हंगामा किया।

एमआईसी मेंबर्स ने टेंडर फार्म देने से किया मना
ठेकेदार राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस पूरे टेंडर प्रकरण में निगम कमिश्नर भी दोषी हैं। उनके द्वारा ठेकेदारों को मैसेज दिलाया गया था कि 93 टेंडर के काम एमआईसी मेंबर, एल्डरमैन और पार्षद देखेंगे। आवेदन की लास्ट डेट 23 जून थी। जब ठेकेदारों को शाम 4 बजे तक फार्म नहीं लेने दिया गया तो उनके द्वारा वहां हंगामा किया गया। इसी दौरान वहां एमआईसी मेंबर अनूप डे, चंद्रभान ठाकुर और गोविंद चतुर्वेदी आए और हल्ला करने लगे। उन्होंने कहा कि अब जो टेंडर हो गया वो नहीं कटेगा और न ही किसी अन्य का आवेदन लिया जाएगा।