स्वयं को बदलें, दुनिया बदल जाएगी: ब्रह्माकुमार डॉ. शक्तिराज

तनावमुक्त जीवन और सकारात्मक सोच पर दिया प्रेरणादायक संदेश

स्वयं को बदलें, दुनिया बदल जाएगी: ब्रह्माकुमार डॉ. शक्तिराज

डॉ. शक्तिराज ने अपने ओजस्वी संबोधन में कहा कि परिवर्तन की शुरुआत बाहर नहीं, भीतर से होती है। यदि व्यक्ति अपने विचार, दृष्टिकोण और व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाए, तो उसका प्रभाव पूरे समाज और पर्यावरण पर पड़ता है। राजयोग ध्यान को उन्होंने मानसिक शुद्धता और आत्मिक शक्ति का सबसे सशक्त माध्यम बताया।

भिलाई। सेक्टर-7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में माउंट आबू से पधारे मोटिवेशनल स्पीकर ब्रह्माकुमार डॉ. शक्तिराज ने कहा कि दुनिया को बदलने के लिए पहले स्वयं को बदलना होगा। उन्होंने उपस्थित श्रोताओं को तनावमुक्त और संतुलित जीवन जीने के सूत्र दिए।

 प्रमुख बिंदु — सरल व प्रेरणास्पद शैली में:

  • विचार बनाते हैं भविष्य: सकारात्मक सोच ही जीवन की दिशा तय करती है। हर परिस्थिति में आशावादी दृष्टिकोण अपनाएं।
  • राजयोग से मिले मानसिक शांति: कुछ मिनटों का रोज़ ध्यान पूरे दिन को ऊर्जावान बना सकता है।
  • क्रोध कमजोरी है, शक्ति नहीं: क्रोध आत्मा की ऊर्जा को नष्ट करता है, जबकि शांति और सहनशीलता रिश्तों को जोड़ती है।
  • चिंता से समाधान नहीं मिलते: समस्याओं का हल चिंतन से निकलता है, चिंता से नहीं।
  • सेवा और संयम से बनता है श्रेष्ठ जीवन: निःस्वार्थ सेवा और संयम जीवन को उद्देश्यपूर्ण और ऊँचाई पर ले जाते हैं।
  • धैर्य है सबसे बड़ी ताकत: तनाव तब नहीं होता जब कार्य अधिक हो, बल्कि तब होता है जब सोच अनियंत्रित हो जाए।
  • सात्विक जीवनशैली है तनाव का उपाय: शुद्ध आहार, शुभ संगति और श्रेष्ठ विचार ही तनावमुक्त जीवन का आधार हैं।

डॉ. शक्तिराज ने कहा कि सफलता केवल भौतिक उपलब्धियों से नहीं, बल्कि दूसरों को प्रेरित करने की शक्ति से मापी जाती है। उन्होंने ब्रह्माकुमारी दीदियों के निस्वार्थ सेवा भाव को इसका सर्वोत्तम उदाहरण बताया।