चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी पर कांग्रेस चुप क्यों? प्रभारी सचिन पायलट सहित शीर्ष नेतृत्व की चुप्पी से उठे सवाल
ED की कार्रवाई और प्रदेशव्यापी सड़क जाम के बावजूद कांग्रेस के किसी राष्ट्रीय नेता ने नहीं दी प्रतिक्रिया, सोशल मीडिया पर चुप्पी बनी जनचर्चा का विषय

छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले को लेकर गरमाए सियासी माहौल के बीच चैतन्य बघेल की ईडी द्वारा गिरफ्तारी और जेल भेजे जाने की घटना के बाद प्रदेश कांग्रेस संगठन सड़कों पर उतरा, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि न तो प्रभारी सचिन पायलट और न ही किसी राष्ट्रीय कांग्रेस नेता ने इस पर अब तक कोई टिप्पणी की है। उनकी यह चुप्पी जनता के बीच चर्चा और सवालों का कारण बन गई है।
रायपुर/दुर्ग। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की आंच अब कांग्रेस के शीर्ष चेहरों तक पहुंच रही है। बीते मंगलवार, 22 जुलाई को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल बिट्टू को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके जन्मदिन के दिन ही गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।
इस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस ने प्रदेश के 33 जिलों में आर्थिक नाकेबंदी के तहत दो घंटे तक सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने जोरदार तरीके से ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताया।
हालांकि, इन तमाम घटनाओं के बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं की चुप्पी ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट, जो अक्सर सक्रिय बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने भी इस संवेदनशील मुद्दे पर अब तक ना सोशल मीडिया पर और ना ही किसी सार्वजनिक मंच से कोई प्रतिक्रिया दी है।
जनमानस में यह प्रश्न उठ रहा है कि क्या शीर्ष नेतृत्व इस विषय से दूरी बना रहा है? या फिर रणनीतिक चुप्पी के पीछे कोई विशेष कारण है? भाजपा और विपक्षी दलों ने भी कांग्रेस की इस 'मौन रणनीति' पर तंज कसते हुए कहा है कि पार्टी अब अपने ही मामलों में असहज हो चुकी है। फिलहाल, चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद ईडी की जांच और गहराने के आसार हैं, वहीं कांग्रेस की प्रतिक्रिया का इंतजार आम जनता और कार्यकर्ताओं को भी है।