अगर जंग छिड़ जाए तो दुर्ग-भिलाई कैसे बचेगा? कल मॉक ड्रिल में होगी असली परीक्षा
सायरन बजेगा, लाइटें बुझेंगी, लोग भागेंगे—जंग की आहट पर कैसे रिएक्ट करेंगे, यही परखा जाएगा

दुश्मन देश के संभावित हवाई हमले की स्थिति में आम नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए केंद्र सरकार 7 मई को देशभर में मॉक ड्रिल आयोजित कर रही है। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले को इसमें शामिल किया गया है, जहां लोगों को अलर्ट सिस्टम, ब्लैकआउट, निकासी और आपात राहत कार्यों का रियल टाइम अभ्यास कराया जाएगा।
भिलाई/दुर्ग। क्या आप जानते हैं कि अगर कल अचानक सायरन बजे और पूरा शहर अंधेरे में डूब जाए, तो आपको क्या करना है? दुर्ग में 7 मई को होने वाली मॉक ड्रिल न सिर्फ एक अभ्यास है, बल्कि एक चेतावनी भी है कि हर नागरिक को आपातकाल में खुद को और अपनों को बचाना आना चाहिए।
1971 के बाद पहली बार भारत इतने बड़े पैमाने पर युद्धकालीन मॉक ड्रिल करने जा रहा है। दुर्ग शहर भी उस सूची में है जहाँ 7 मई को युद्ध जैसी स्थिति बनाई जाएगी। सवाल है – क्या प्रशासन तैयार है? क्या आप तैयार हैं?
अगर आप चाहें तो समाचार के लिए एक बॉक्स आइटम भी जोड़ा जा सकता है:
???? क्या करें जब बजे सायरन?
- मोबाइल की फ्लैशलाइट बंद करें
- सुरक्षित स्थान (बंकर/बेसमेंट) की ओर जाएं
- अफवाहों से बचें, सिर्फ सरकारी अलर्ट पर भरोसा करें
- बच्चों और बुजुर्गों को पहले सुरक्षित करें
- बिजली उपकरण बंद कर दें