आतंकी संगठन से जुड़े दो नाबालिग भिलाई और रायपुर से गिरफ्तार, हमले की थी तैयारी
पाकिस्तान के आतंकी संगठन आईएसआईएस के नेटवर्क से जुड़े होने के इनपुट मिले थे। जांच के दौरान पता चला कि शीर्ष आतंकियों से बातचीत होती थी।
पाकिस्तान के आतंकी संगठन के नेटवर्क से जुड़े दो नाबालिगो को एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने रायपुर के टिकरापारा थाना क्षेत्र और भिलाई के सुपेला थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। दोनों को पूछताछ करने के बाद किशोर न्यायालय में पेश कर बाल संप्रेषण गृह भेज दिया गया है। एटीएस पिछले काफी सोशल मीडिया पर नजर रखे हुई थी इस दौरान दोनों के पाकिस्तान के आतंकी संगठन आईएसआईएस के नेटवर्क से जुड़े होने के इनपुट मिले थे। जांच के दौरान पता चला कि शीर्ष आतंकियों से बातचीत होती थी।
उक्त आतंकी इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दोनों ही नाबालिगों को उकसाने के साथ ही हिंसक गतिविधियां संचालित करने के लिए कश्मीर को इस्लामिक स्टेट बनाने और अराजकता फैलाने की ट्रेनिंग दे रहे थे। एटीएस ने दोनों के इंस्टाग्राम से यह तथ्य किए हैं। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि दोनों को धार्मिक उन्माद फैलाने के संबंध में जानकारी दी जा रही थी। दोनों से मिले इनपुट के आधार पर जांच की जा रही है। साथ ही संदेह के दायरे में आने वाले कुछ अन्य लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। रायपुर और भिलाई से पकड़े गए दोनों नाबालिग 12वीं कक्षा के छात्र बताए जाते हैं। उनके पुराने बैकग्राउंड की जांच करने पर पता चला कि उनके दोस्तों ने उन्हें अक्सर एक सांप्रदायिक विचारधारा वाले स्पीच सुनते थे। मोबाइल स्कूल लेकर आने पर टीचरों ने उन्हें फटकार लगाई थी।
एटीएस की पहली एफआईआर
छत्तीसगढ़ में एटीएस का गठन 2017 में किया गया था। राज्य पुलिस के साथ मिलकर यह यूनिट काम कर रही थी। लेकिन पहली बार एटीएस थाने में एफआईआर दर्ज कर दोनों नाबालिगों को गिरफ्तार किया गया। आईएसआईएस आतंकी संगठन से जुड़े दोनों नाबालिग को हिरासत में लेकर 36 घंटे तक पूछताछ और मोबाइल की जांच की गई। इस दौरान दोनों को इस मॉड्यूलर से जुड़े होने के पुख्ता साक्ष्य मिले।
अराजकता और हिंसा फैलाने की योजना
आईएसआईएस से जुड़े दोनों नाबालिकों को धार्मिक कट्टरता के नाम पर बरगलाया जा रहा था। अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए कट्टरपंथ की राह पर अन्य लोगों को जोड़कर हिंसक गतिविधियां संचालित करने के लिए कहां गया। इसके लिए स्थानीय युवाओं को जोड़ने और आर्थिक मदद करने तक का आश्वासन दिया गया था।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मिले इनपुट के आधार पर आईएसआईएस के पाकिस्तानी मॉड्यूलर और इससे जुड़े लोगों कनेक्शन को जांच के दायरे में लिया गया था। वही गोपनीय रूप से दोनों के संबंध में जानकारी जुटाई गई। इस दौरान काफी सनसनीखेज और चौंकाने वाली जानकारियां हाथ लगीं।
आर्थिक स्रोत की जांच
आतंकी नेटवर्क से जुड़े हुए दोनों नाबालिग के आर्थिक स्रोत की एटीएस जानकारी जुटा रहा है। सूत्रों का कहना है कि उनके घर से बरामद डिजिटल एविडेंस और साक्ष्य को जांच के लिए जप्त किया गया है।
ऑपरेशन सिंदूर की मांगी गोपनीय जानकारी
आतंकी नेटवर्क से जुड़े हुए दोनों नाबालिकों से पूछताछ में पता चला कि ऑपरेशन सिंदूर के संबंध में गोपनीय जानकारी दोनों को शेयर करने कहा गया था। वही अपने आसपास के लोगों को भी मॉड्यूलर से जोड़कर हिंसक गतिविधि संचालित करने अराजकता फैलाने और कश्मीर को इस्लामिक स्टेट बनाने के लिए भी युवा वर्गों का संगठन बनाने के निर्देश दिए गए थे। आतंकी संगठन से जुड़े अकाउंट से उन्हें निर्देश मिलते थे जिसके आधार पर दोनों काम कर रहे थे।
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