केरल ने देश और दक्षिण एशिया में बनाई मिसाल: अत्यंत गरीबी खत्म, 1.03 लाख लोगों की जिंदगी बदली

73,000 माइक्रो प्लान और सख्त निगरानी से मिली सफलता

केरल ने देश और दक्षिण एशिया में बनाई मिसाल: अत्यंत गरीबी खत्म, 1.03 लाख लोगों की जिंदगी बदली

स्वर्णम्मा जैसी विधवाओं का जीवन अब सुरक्षित और संवार हुआ, भोजन, स्वास्थ्य, आय और आवास को आधार बनाकर ‘मानवीय गरिमा’ योजना लागू

कोट्टायम, केरल (ए)। केरल राज्य ने देश और दक्षिण एशिया में पहली बार अत्यंत गरीबी को पूरी तरह समाप्त करने का ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया। राज्य सरकार और सामाजिक भागीदारी के सहयोग से 1.03 लाख लोगों की जिंदगी बदल गई है। स्वर्णम्मा जैसी विधवाओं के जीवन में अब स्थिरता और सम्मान लौटा है।

केरल में गरीबों की पहचान के लिए 2021 से विशेष अभियान चला। 14 जिलों में 1300 सर्वेयर टीमों ने ग्रामीण क्षेत्रों में 1,03,099 अत्यंत गरीबों की पहचान की। इनमें से 81% लोग ग्रामीण इलाकों में रहते थे और 68% अकेले जीवन यापन कर रहे थे। राज्य ने भोजन, स्वास्थ्य, आय और आवास को आधार बनाकर ‘मानवीय गरिमा’ योजना तैयार की। इसके तहत 73,000 माइक्रो प्लान बनाए गए, जिनमें हर व्यक्ति को उसकी जरूरत के अनुसार मदद दी गई। योजना में सख्त सामाजिक ऑडिट और निगरानी की गई।

केरल में माइक्रो प्लान के जरिए अब तक निम्नलिखित मदद प्रदान की गई:

  • 4,394 परिवारों को आय का साधन
  • 29,427 को दवाएं और 4,829 को मेडिकल मदद
  • 424 को हेल्थकेयर उपकरण
  • 5,354 के घर सुधारे गए
  • 3,913 को नई घर उपलब्ध कराए गए
  • 1,338 को जमीन प्रदान की गई
  • 743 परिवारों को किराए के मकानों में स्थानांतरित किया गया

स्वर्णम्मा के उदाहरण से स्पष्ट है कि राज्य की योजना ने गरीब और वंचित वर्ग के जीवन को स्थायी और सम्मानजनक रूप से बदल दिया। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि यह मॉडल दक्षिण एशिया में किसी राज्य द्वारा पहली बार अपनाया गया है और इसे 1 नवंबर को सरकारी तौर पर घोषित किया जाएगा। केरल ने यह साबित कर दिया कि सख्त निगरानी, माइक्रो प्लान और सामाजिक भागीदारी के माध्यम से गरीबी को पूरी तरह समाप्त किया जा सकता है।