छत्तीसगढ़ में पहली बार प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड करेंगे चुनाव ड्यूटी...

 कल 7 सीटों पर मतदान, 168 प्रत्याशी मैदान में; 283 पोलिंग-बूथ नो नेटवर्क जोन

छत्तीसगढ़ में पहली बार प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड करेंगे चुनाव ड्यूटी...

रायपुर.  छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण का मतदान 7 मई को होगा। तीसरे चरण की वोटिंग में कांग्रेस-बीजेपी के दिग्गज नेताओं सहित 168 प्रत्याशी मैदान में हैं। इन प्रत्याशियों की किस्मत 1 करोड़ 39 लाख1 हजार 285 मतदाता तय करेंगे। इस चरण में 283 मतदान केंद्र नो नेटवर्क जोन में है। खास बात यह है कि पहली बार प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी भी चुनाव में लगाई जा रही है।

शांति व्यवस्था के लिए शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव निपटाने के लिए 82 हजार जवानों की ड्यूटी लगाई है। इसमें 60 हजार जिला बल और 22 हजार CRPF के जवान हैं। बूथों में पड़ रहे मतदान पर नजर रायपुर के अलावा दिल्ली के अधिकारी भी रखेंगे। वेब कास्टिंग के जरिए मतदान केंद्रों की नजर रखी जाएगी और गलती दिखने पर संबंधित नोडल को तत्काल एक्शन लेने का निर्देश दिया जाएगा।

निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के अनुसार, तीसरे चरण का चुनाव संपन्न कराने के लिए 15 हजार 701 मतदान केंद्र बनाया जाएगा। इन मतदान दलों में 77 हजार 592 मतदानकर्मी नियुक्त किए गए हैं। इनमें से 61 हजार 664 मतदान कर्मी बूथों में नियुक्त रहेंगे और 15 हजार 928 को रिजर्व रखा जाएगा। ये 2890 संगवारी मतदान केंद्र, 58 दिव्यांगजनों द्वारा संचालित मतदान केंद्र, 235 युवाओं द्वारा संचालित मतदान केंद्र और 306 आदर्श मतदान केंद्र समेत 15 हजार 701 मतदान केद्रों में ड्यूटी करेंगे।

तीसरे चरण की वोटिंग के दौरान 283 मतदान केंद्र नो नेटवर्क जोन में है। इन मतदान केंद्रों में वोटिंग का आंकड़ा पता लगाने के लिए निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने रनर (दौड़-दौड़ कर सूचना देने वाला व्यक्ति) की मदद से सूचनाओं का अदान-प्रदान करने का निर्णय लिया है। जो मतदान केंद्र नो नेटवर्क जोन में आते है, वो सरगुजा, कोरबा के आउटर में शामिल है। लोकसभा चुनाव में बल की कमी को देखते हुए पहली बार प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी लगाई गई है। इसकी शुरुआत बिलासपुर से की जा रही है। उन्हें बतौर SPO पेट्रोलिंग टीम में रखा गया है। हालांकि SP रजनेश सिंह ने बल की कमी से इनकार किया है। उनका कहना है कि सशस्त्र जवानों के साथ कोटवार और फॉरेस्ट गार्ड के जवान बूथ पर तैनात रहेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव में SPO की ड्यूटी इसलिए लगाई जाती है, क्योंकि वो स्थानीय रहते हैं और उन्हें जानकारी रहती है। चुनाव ड्यूटी के लिए उन्हें ट्रेनिंग भी दी गई है।