दुर्ग में गैस पाइप लाइन के लिए जबरदस्ती जमीन खोदने का किया विरोध.....21 गांव के किसान धरने पर बैठे....

दुर्ग जिला मुख्यालय में 21 गांवों के किसान धरने पर बैठे हैं। उनका आरोप है कि गेल इंडिया कंपनी बिना उचित मुआवजा और अनुमति के जबरदस्ती उनके खेतों को खोद रही है। किसानों ने कलेक्टर और संभागायुक्त को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है।
किसान नेताओं का कहना है कि दुर्ग जिले के कई गांव में गेल इंडिया कंपनी की गैस पाइप लाइन गुजर रही है। कंपनी ने पहले तो किसानों से कहा कि वे लोग खेत में बस 4 फीट जगह लेंगे। लेकिन अब कंपनी किसानों की फसल के ऊपर गाड़ी चलाकर उनके खेत को खोद रही है।
इस बात से नाराज जिले के 21 गांव के एक हजार से अधिक किसान जिला मुख्यालय में पिछले दो दिनों से धरना दे रहे हैं। किसान नेताओं ने बताया कि सोमवार को उन्होंने कलेक्टर दुर्ग को ज्ञापन सौंपकर उचित कार्रवाई की मांग की है।
जब कलेक्टर ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया, तो मंगलवार को उन्होंने संभागायुक्त को इस संबंध में ज्ञापन दिया है। किसानों का कहना है कि यदि उनकी नहीं सुनी गई, तो वे इसकी शिकायत ऊपर तक करेंगे और अंतिम फैसले तक लड़ाई लड़ेंगे।
जानकारी के मुताबिक गैस पाइप लाइन दुर्ग और धमधा ब्लॉक के 21 गांवों के 881 किसानों की जमीन से होकर जा रही है। टेमरी, रौता, खर्रा, हिर्री, परसदा, नवागांव, पथरिया, डोमा, अहेरी, बागडूमर, बानबरद, ढौर, हींगनडीह, अछोटी, गोढ़ी, ढौर, लहंगा, मलपूरीकला, अंजोरा, ननकट्टी, बोड़ेगांव, रवेलीडीह जैसे गांव में गैस पाइप लाइन बिछाने का काम जारी है।
जिले के किसान करीब 6 महीने से इसका विरोध कर रहे हैं। पिछले दिनों कंपनी के कर्मचारियों ने रवेली और बोड़ेगांव के आसपास किसानों से बिना पूछे उनके खेत की लगी फसल को गाड़ी से रौंद दिया और वहां पाइप लाइन के लिए खुदाई शुरू कर दी। करीब दो किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने के बाद किसानों का विरोध उग्र हो गया, तो कंपनी के कर्मचारियों को काम बीच में रोककर लौटना पड़ा।
शिकायत का फायदा नहीं, इसलिए आंदोलन
किसानों ने बताया कि लगातार खेतों में पाइप लाइन बिछाने का विरोध किया जा रहा है। इसकी शिकायत कलेक्टर से भी की जा चुकी है, लेकिन इस पर कोई भी फैसला अब तक नहीं हो पाया है। इधर कंपनी नवागांव में निर्माण की तैयारी कर रही है, किसान इससे आहत हैं। पिछले दिनों आंदोलन की चेतावनी भी दी गई थी, लेकिन अफसरों ने इस पर भी ध्यान नहीं दिया।