पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा तेज

पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा तेज

बिलासपुर (ए)। पंचायत चुनाव के बाद पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा तेज हो गई है। इस बीच बिलासपुर पहुंचे सिंहदेव ने भी कहा कि अगर उन्हें जिम्मेदारी दी जाती है, तो वे उसे निभाने के लिए तैयार हैं। इससे पहले भी जो जिम्मेदारी उन्हें दी गई, उन्होंने उसे पूरी निष्ठा से निभाया है। कांग्रेस के बड़े नेताओं के क्षेत्र में भी हार पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कुनकुरी से हैं, जहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। सरगुजा और पूर्व सीएम भूपेश बघेल के क्षेत्र में भी निकाय चुनाव में सफलता नहीं मिली। निकाय और पंचायत चुनाव में स्थानीय उम्मीदवार का हार-जीत में 60-70 फीसदी तक योगदान होता है।

संगठन में बदलाव को लेकर सिंहदेव ने कहा कि पूरे देश में बदलाव की आवश्यकता है, और राष्ट्रीय अध्यक्ष भी इस बात को स्वीकार कर चुके हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या छत्तीसगढ़ में प्रदेश अध्यक्ष और संगठन में बदलाव होगा, तो उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा लगता है, हालांकि यह एक चर्चा का विषय है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे पीसीसी अध्यक्ष बनने के लिए तैयार हैं, तो उन्होंने कहा कि जो भी जिम्मेदारी उन्हें मिली है, उन्होंने उसे आज तक निभाया है। अगर यह जिम्मेदारी उन्हें दी जाती है, तो वे उसे भी पूरी निष्ठा से निभाएंगे।

जिला संगठनों के द्वारा नेताओं व कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित किए जाने के सवाल पर सिंहदेव ने कहा कि जिन लोगों ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ काम किया है, उसके खिलाफ स्वाभाविक रूप से कार्रवाई करनी होती है। किसी के खिलाफ नहीं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, जो कांग्रेस के संविधान व व्यवस्था को तोड़ रहे हैं। इस कार्रवाई को किसी गुट विशेष के खिलाफ नहीं मानना चाहिए।

राज्य सरकार ने नए काम नहीं किए- पूर्व मंत्री सिंहदेव ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार कोई नया काम नहीं कर रही है। हालत ये है कि संकल्प पत्र में जो धान का 3100 रुपए देने की बात कही गई थी, वह भी नहीं दिया गया है। उनसे जब पूछा गया कि आप इस सरकार को 10 में कितने नंबर देंगे तो उन्होंने कहा कि वे 4 दे सकते हैं क्योंकि सामान्य काम हो रहे हैं। पर कुछ विशेष काम या योजनाओं पर अब तक सरकार का ध्यान नहीं है।