मकड़ी से सीखकर नक्सलियों को फंसाया जाल में....छत्तीसगढ़ में 60 से ज्यादा जवानों की हत्यारी 'निर्मला' भी ढेर; नक्सल ऑपरेशन की कहानी

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा-नारायणपुर बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने 31 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया। ये देश में नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन है। खास बात यह है कि इस ऑपरेशन में शामिल सभी जवान पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इस ऑपरेशन की रणनीति की इंस्पिरेशन मकड़ी है। सुरक्षाबल के एक अफसर ने बताया- मकड़ी के जाल की तरह जवानों ने घेराबंदी की। इसमें फंसने के बाद नक्सलियों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। बैक फायर से पहले ही उन्हें मार गिराया। एनकाउंटर में नक्सलियों के DKSZC कैडर की नीति उर्फ निर्मला भी मारी गई है। उस पर 25 लाख का इनाम था। इस खूंखार महिला नक्सली ने अलग-अलग मुठभेड़ में 60 से ज्यादा जवानों की हत्या की थी।
नक्सल ऑपरेशन में DRG, CRPF, STF और बस्तर फाइटर्स के साथ दुर्गा और दंतेश्वरी फाइटर्स की महिला कमांडो भी बराबरी से मुकाबला कर रही हैं। एनकाउंटर के बाद जब फोर्स की वापसी हो रही थी तब हमें AK-47 जैसे वैपन लिए महिला कमांडो हर दस्ते में दिखाई दीं।
राइफल के साथ बुलेट और दूसरी जरूरतों का सामान मिलाकर करीब 12 किलो का वजन इन महिला कमांडो पर था। ये उन जगहों पर चल रही थीं, जहां रास्ते थे ही नहीं। कहीं पहाड़, कहीं खेत, मेड़ और पंगडंडियों से भरे रास्तों से नक्सलियों के गढ़ में घुसकर महिला कमांडो ने अपनी ताकत दिखाई। सुरक्षा कारणों से ऑपरेशन में शामिल महिला कमांडों की जानकारी नहीं दी गई।
गुरुवार दोपहर 3 बजे फोर्स दंतेवाड़ा से छिंदनार के लिए निकली थी। दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने बताया कि इस समय मानसून का अंतिम दौर है। इंद्रावती नदी उफान पर है। नदी-नाले भरे हुए हैं। पेड़ और झाड़ियां भी बढ़ चुकी हैं। जिस दिन ऑपरेशन हुआ, वो रात भी अमावस की थी।
इस रात जंगलों में विजिबिलिटी ना के बराबर होती है। इसके बावजूद तय समय पर टारगेट को टीम ने अचीव किया। उन्होंने बताया कि फोर्स का नाइट विजन कैमरा वहां तक पहुंचने में काम आया और फिर अगले दिन मुठभेड़ हुई।