मामला महादेव-सट्टा ऐप...सौरभ चंद्राकर के खास यमन ओर ओमप्रकाश दोनों दुर्ग से गिरफ्तार

दुर्ग (ए)। देशभर में महादेव सट्टा ऐप का जाल बिछाने वाले सौरभ चंद्राकर के करीबी यमन और उसके भाई ओमप्रकाश चंद्राकर को पुलिस ने 2 महीने सर्विलांस में रखने के बाद पकड़ लिया है। यमन चंद्राकर दुबई में बैठकर अपने भाई के जरिए 6 राज्यों दिल्ली, UP, बिहार, महाराष्ट्र, MP-CG में रैकेट चला रहा था। ओमप्रकाश यहां मैनेजमेंट संभालता था। वहीं दुर्ग पुलिस ने चलती कार के अंदर सट्टे का पैनल चलाते एक आरोपी को गिरफ्तार कर उसके पास से सट्टा का लाखों रुपए का हिसाब, एटीएम और मोबाइल फोन जब्त किया है। आरोपी का नाम हर्ष कुमार (24) है।
दरअसल, 2 महीने पहले EOW की जांच में यमन और उसके भाई का नाम सामने आया। यमन को पुलिस दुबई से ही ट्रैक कर रही थी। वह ट्रेन के रास्ते रायपुर पहुंचा। स्टेशन के बाहर पहले ही घेराबंदी कर ली गई थी। इसलिए उसे भागने का मौका नहीं मिला। रविवार को पुलिस ने दुर्ग में छापेमारी कर उसके भाई को पकड़ा। करीब ढाई माह बाद पुलिस ने महादेव सट्टा ऐप में बड़ी कार्रवाई की है। इस गिरफ्तारी के बाद देश के आधा दर्जन राज्यों में छापेमारी की तैयारी है।
यमन और ओमप्रकाश चंद्राकर की गिरफ्तारी को इसलिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि दोनों सट्टेबाजी के प्रमोटर सौरभ के पैसों का मैनेजमेंट संभालते थे। दोनों भाई दुबई का मोबाइल नंबर चला रहे थे। उसी पर सट्टे का दांव लेते थे, ताकि पुलिस उन पर शक न कर सके। दोनों भाइयों का नाम सबसे पहले ACB-EOW की जांच में सामने आया है। एसीबी से रायपुर पुलिस को दोनों के बारे में इनपुट दिया गया। फिर उनके बारे में खोजबीन कर उनके नंबरों को ट्रैक करना शुरू किया गया।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यमन और ओमप्रकाश दोनों भाई छह राज्यों में महादेव का पैनल चला रहे हैं। कुछ लोगों को उन्होंने कमीशन पर काम दिया है। कुछ जगह स्टाफ रखकर सट्टे का रैकेट चला रहे हैं। आरोपियों का रोहतास बिहार, पुणे महाराष्ट्र, दिल्ली, नोएडा यूपी, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पैनल चलाने का पता चला है। उनकी सबसे बड़ी टीम पुणे में है। जहां एक मकान को किराए पर लिया गया है। पुलिस को उस जगह का पता चल गया है। जल्द ही वहां छापेमारी की जाएगी।
महादेव सट्टा की जांच कर रही ACB-EOW को सबसे पहले दोनों भाइयों के बड़े लेन-देन का पता चला। उनके माध्यम से होने वाले पैसों का ट्रांजेक्शन देखकर ही जांच की गई। जिसमें उनका सीधा लिंक सौरभ चंद्राकर से मिलने के बाद EOW और रायपुर पुलिस संयुक्त रूप से उनकी तलाश शुरू की थी। इस मामले में कुछ और लोगों का नाम सामने आया है। उन्हें ट्रैक किया जा रहा है। पुलिस का दावा है कि इसमें जल्द कुछ लोगों की गिरफ्तारी होगी। दोनों भाई सामान्य किसान परिवार से हैं। जब से महादेव सट्टा से जुड़े हैं। उनका रहन-सहन बदल गया है। थार जैसे कई महंगी गाड़ियां उनके पास है। दोनों ने अच्छी प्रॉपर्टी खरीदी है। पुलिस उनकी प्रॉपर्टी की जानकारी निकाल रही है। उनके बैंक खातों को भी खंगाला जा रहा है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दुर्ग चंद्रखुरी निवासी यमन चंद्राकर उर्फ यमांत (30) और ओमप्रकाश चंद्राकार (33) दोनों भाई हैं। डेढ़ साल पहले यमन दुबई शिफ्ट हो गया। वह सट्टेबाजी के प्रमोटर सौरभ के साथ रहता था। वहीं से महादेव सट्टा के पैसों का लेन-देन संभालता था।
सट्टे के पैसों का ट्रांजेक्शन करने खाते का इंतजाम करना भी उसके जिम्मे था। खाते के पैसों को इधर से उधर करना और हवाला के माध्यम से दुबई मंगवाने की जिम्मेदारी भी वही संभाल रहा था। वह सौरभ का भरोसेमंद है। उसी ने अपने बड़े भाई ओमप्रकाश को इसमें शामिल किया है। ओमप्रकाश छत्तीसगढ़ में खातों की व्यवस्था करता था। हवाला कारोबारियों के संपर्क में रहता था।