मोहड़ गोलीकांड में बड़ा खुलासा: गाड़ी मालिक हिरासत में, पुलिस-माफिया गठजोड़ का ऑडियो वायरल

रेत विवाद में माफिया और पुलिस अधिकारी की संदिग्ध बातचीत ने खोले कई राज, सत्ता संरक्षण पर उठे सवाल

राजनांदगांव जिले के मोहड़ वार्ड में हुए रेत विवाद और गोलीकांड ने एक नया मोड़ ले लिया है। मामले में संलिप्त गाड़ी मालिक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है, वहीं इस बीच सामने आए एक वायरल ऑडियो ने प्रशासनिक तंत्र और रेत माफिया के गठजोड़ को बेनकाब कर दिया है। ऑडियो में कथित तौर पर एक पुलिस अधिकारी, माफिया और गाड़ी मालिक के बीच साजिश की खुली बातचीत सामने आई है, जिसमें वे इस पूरी घटना को दबाने और खुद को बचाने की रणनीति बनाते सुने जा सकते हैं।

राजनांदगांव। राजनांदगांव जिले के मोहड़ वार्ड में हाल ही में हुए गोलीकांड और रेत विवाद के मामले ने अब पूरी तरह राजनीतिक और प्रशासनिक रंग ले लिया है। पुलिस द्वारा घटना में शामिल गाड़ी मालिक को हिरासत में लिए जाने के बाद मामला तेजी से गर्मा गया है।

इस बीच एक विस्फोटक ऑडियो क्लिप वायरल हो गई है, जिसमें गाड़ी मालिक कथित तौर पर एक पुलिस अधिकारी और रेत माफिया से घटना के बाद की "डैमेज कंट्रोल रणनीति" पर बात करता सुनाई देता है। ऑडियो में तीनों के बीच यह तय होता सुनाई देता है कि "किसे क्या कहना है, क्या छुपाना है, और किन बातों को पुलिस के सामने लाना नहीं है।"

इस ऑडियो के सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन, पुलिस विभाग और सत्ता से जुड़े लोगों के बीच घबराहट और हलचल का माहौल है। मामले को लेकर आम जनता और विपक्ष ने सत्ता संरक्षण के आरोपों को और तेज कर दिया है।

 मामले से जुड़े प्रमुख बिंदु:

  •  गाड़ी मालिक हिरासत में, उससे पूछताछ जारी
  •  पुलिस अधिकारी, माफिया और आरोपी की बातचीत का ऑडियो हुआ वायरल
  •   सत्ता संरक्षण के गंभीर आरोप, निष्पक्ष जांच पर उठे सवाल
  •  मामले की जांच ने ली नई दिशा, अब प्रशासनिक मिलीभगत की जांच की मांग

 अब ये सवाल खड़े हो रहे हैं:

  • क्या यह ऑडियो प्रशासनिक मिलीभगत का पुख्ता सबूत है?
  • ऑडियो में सामने आए पुलिस अधिकारी पर होगी कार्रवाई या बचा लिया जाएगा?
  • क्या इस केस को भी सत्ता के दबाव में दबा दिया जाएगा?
  • क्या मोहड़ गोलीकांड सिर्फ एक आपराधिक घटना है या गहरे नेटवर्क का हिस्सा?

मोहड़ गोलीकांड अब केवल एक स्थानीय विवाद नहीं रहा, यह सिस्टम की सड़ांध और सत्ता की मिलीभगत का प्रतीक बनता जा रहा है। वायरल ऑडियो ने साफ कर दिया है कि इस मामले में सच्चाई केवल पुलिस केस की फाइल में नहीं, बल्कि उस नेटवर्क में छिपी है, जो रेत से करोड़ों का खेल खेल रहा है। अब जरूरत है कि जांच एजेंसियां राजनीतिक दबाव से ऊपर उठकर, इस गठजोड़ को उजागर करें — वरना यह लोकतंत्र के मुंह पर एक और तमाचा साबित होगा।