वैशाली नगर में विधायक रिकेश सेन की अनूठी पहल: हर सामाजिक-धार्मिक कार्यक्रम को मिलेगा निशुल्क पेयजल
Rikesh Sen MLA सामाजिक सेवा जल-प्रकल्प के तहत शादी, कथा, शोक कार्यक्रमों से लेकर सरकारी आयोजनों तक मुफ्त पानी उपलब्ध
वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र में सामाजिक सरोकारों को नई दिशा देने की पहल के तहत विधायक रिकेश सेन ने एक विशेष जल-प्रकल्प शुरू किया है। इस प्रकल्प के माध्यम से क्षेत्र के हर सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक आयोजन में निशुल्क स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि किसी भी परिवार या संस्था को पानी की कमी का सामना न करना पड़े।
दुर्ग/भिलाई। वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र में लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विधायक रिकेश सेन ने ‘Rikesh Sen MLA सामाजिक सेवा जल-प्रकल्प’ नाम से एक नई पहल की है। इस जल-प्रकल्प के माध्यम से क्षेत्रभर में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों—चाहे वे धार्मिक हों, सामाजिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक या प्रशासनिक—सभी में निशुल्क स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।
विधायक सेन का कहना है कि कई बार आयोजनों या परिवारिक परिस्थितियों में पानी की व्यवस्था बड़ी चुनौती बन जाती है। ऐसे समय में यह सेवा किसी भी जरूरतमंद परिवार, संस्था या आयोजन समिति को राहत देगी। प्रकल्प के तहत प्रत्येक कार्यक्रम के लिए निर्धारित मात्रा में पानी की पेटियां भेजी जाएंगी।
उन्होंने बताया कि भागवत कथा, रामकथा या अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में 50 पेटी पानी उपलब्ध कराया जाएगा। गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह में भी 50 पेटी पानी की निशुल्क व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा किसी परिवार में दशगात्र या तेरहवीं जैसे शोक अवसरों पर भी जल-प्रकल्प से 50 पेटी पानी भेजा जाएगा।
शैक्षणिक संस्थानों में आयोजित वार्षिक उत्सवों के लिए 25 पेटी, जबकि जिला प्रशासन या पुलिस प्रशासन द्वारा आयोजित किसी भी सरकारी कार्यक्रम के लिए 50 पेटी पानी उपलब्ध रहेगा।
सामाजिक सम्मेलनों, प्रेस क्लब के कार्यक्रमों, बड़े आयोजनों और विभिन्न खेल-कूद प्रतियोगिताओं के लिए भी 50 पेटी पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। वहीं रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य शिविर जैसे सामाजिक अभियानों के लिए 25 पेटी पानी निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा।
विधायक सेन ने कहा कि यह सेवा पूरी तरह जनहित में संचालित की जाएगी और इसका उद्देश्य क्षेत्र के लोगों की हर स्थिति में सहायता करना है, ताकि किसी भी आयोजन या संवेदनशील परिस्थिति में पेयजल की कमी महसूस न हो।
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