साइबर सट्टा रैकेट का भंडाफोड़: म्युल खाताधारक और खाईवाल गिरफ्तार
5 करोड़ का लेन-देन, 20 हजार में बिकते थे बैंक खाते; दुर्ग पुलिस ने दबोचे 11 और आरोपी, सट्टा एप से जुड़े तार देहरादून और बिहार तक फैले
दुर्ग जिले में महादेव सट्टा एप और साइबर फ्रॉड के माध्यम से करोड़ों की हेराफेरी में इस्तेमाल किए जा रहे म्युल खातों का जाल गहराता जा रहा है। वैशालीनगर थाना पुलिस ने एक बार फिर कार्रवाई करते हुए 10 म्युल खाताधारकों और एक मुख्य खाईवाल को गिरफ्तार किया है। मामले की जांच में बिहार और देहरादून तक कनेक्शन सामने आया है।
भिलाई। महादेव सट्टा एप और साइबर धोखाधड़ी के नेटवर्क के खिलाफ दुर्ग पुलिस का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। वैशालीनगर स्थित केनरा बैंक शाखा प्रबंधक परमात सिंह सिंगोंदिया की शिकायत के आधार पर पुलिस ने 111 संदिग्ध म्युल खातों की जांच शुरू की थी। इससे पहले 11 खाताधारकों को गिरफ्तार कर 22 लाख रुपये होल्ड किए गए थे। अब ताजा कार्रवाई में पुलिस ने 10 और म्युल खाताधारकों के साथ एक मुख्य खाईवाल को भी गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों में एक महिला उमा शर्मा ने खुलासा किया कि वह ‘एवनी ब्रेसिंग ब्यूटी पार्लर’ चलाती है और उसके नाम से खुलवाए गए बैंक खाते में फरवरी महीने में 5 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन हुआ। यह राशि दिल्ली ट्रांसफर की गई थी। पूछताछ में उसने बताया कि मोनू और उसके साथियों ने बैंक खाता खुलवाकर देहरादून में सट्टा चलाने के लिए इसका इस्तेमाल किया।
मोनू की तलाश में निकली पुलिस को उसके बताए पते पर बिहार का नीतीश कुमार मिला, जिसने पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया। नीतीश ने बताया कि वह ‘लोटस’, ‘बप्पा’, ‘रामजनो’ और ‘गोविंदा’ जैसे सट्टा पैनलों का संचालन करता है। उसने यह भी कबूल किया कि छत्तीसगढ़ में 20 हजार रुपये में लोगों से बैंक खाते खरीदकर सट्टे के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे।
नीतीश कुमार के कब्जे से पुलिस ने 3 लैपटॉप, 3 मोबाइल फोन, एक कार, 9 एटीएम कार्ड, 8 पासपोर्ट, 2 चेक बुक और एक पासबुक बरामद की है। पुलिस अब इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुटी है।