सेल कर्मियों की आवाज़ बनी बीएकेएस यूनियन, प्रबंधन-एनजेसीएस गठजोड़ के खिलाफ संघर्ष तेज

वेज रिवीजन, इंसेंटिव, बोनस, यूनियन चुनाव जैसे मामलों में चल रही कानूनी लड़ाई

सेल कर्मियों की आवाज़ बनी बीएकेएस यूनियन, प्रबंधन-एनजेसीएस गठजोड़ के खिलाफ संघर्ष तेज
  • अग्निशमन कर्मियों की ट्रेनिंग अवधि सेवाकाल में जोड़ने में मिली सफलता
  • मुख्य श्रमायुक्त व उप मुख्य श्रमायुक्त ने लिए कई मामलों में संज्ञान
  • स्वतंत्र यूनियन के गठन से कर्मियों को मिल रही नई दिशा

भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) के कर्मचारियों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ (बीएकेएस) का संघर्ष अब निर्णायक दौर में पहुँचता नजर आ रहा है। जहां एक ओर प्रबंधन और एनजेसीएस यूनियनों की सांठगांठ से कर्मचारी असंतुष्ट हैं, वहीं दूसरी ओर बीएकेएस ने कर्मचारियों की वास्तविक समस्याओं को लेकर कानूनी और प्रशासनिक स्तर पर प्रभावी हस्तक्षेप सुनिश्चित किया है। हालिया उपलब्धियों और मामलों में मिली प्रगति इस यूनियन की बढ़ती प्रासंगिकता को दर्शाती है।

 भिलाई। बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ (बीएकेएस) लगातार कर्मचारियों से जुड़े अहम मुद्दों को प्रमुख मंचों पर उठा रहा है। लंबे समय से लंबित वेज रिवीजन, इंसेंटिव फॉर्मूला, बोनस प्रणाली, छुट्टियों में समानता और यूनियन चुनाव जैसे मामलों में अब निर्णायक गतिविधियाँ देखने को मिल रही हैं। सबसे हालिया उपलब्धि के रूप में अग्निशमन विभाग के कर्मियों की प्रशिक्षण अवधि को उनके सेवाकाल में जोड़े जाने की स्वीकृति मिली है, जो बीएकेएस यूनियन के सतत प्रयासों का परिणाम है।

विभिन्न कानूनी कार्रवाइयाँ:

  • वेज रिवीजन केस की अगली सुनवाई 21 जुलाई को दिल्ली कैट में है, जहाँ सेल प्रबंधन ने अपना पक्ष रख दिया है और यूनियन अपना उत्तर जल्द दाखिल करेगी।
  • एनजेसीएस में सुधार से जुड़ी याचिका में कोर्ट ने इस्पात मंत्रालय व सेल प्रबंधन को नोटिस जारी किया है; अगली सुनवाई 11 अगस्त को है।
  • इंसेंटिव फॉर्मूला में बदलाव को लेकर उप मुख्य श्रमायुक्त, रायपुर ने औद्योगिक विवाद दायर करने के निर्देश दिए हैं।
  • छुट्टियों में समानता पर मुख्य श्रमायुक्त (कें.) ने रायपुर को जाँच करने का आदेश दिया है।
  • बोनस फॉर्मूले में संशोधन के लिए डीएलसी रायपुर द्वारा जांच जारी है और यूनियन न्यायालय जाने की तैयारी में है।

मई दिवस को पेड हॉलिडे घोषित करने की माँग पर राज्य के श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने मुख्यमंत्री को अनुशंसा भेजी है, जिससे कर्मचारियों में आशा की नई किरण जगी है। एनजेसीएस की निष्क्रियता और प्रबंधन से मिलीभगत के कारण कर्मचारियों ने अब स्वतंत्र यूनियनों का गठन कर अपने हक की आवाज बुलंद करना शुरू कर दिया है। बीएसपी के अलावा बोकारो और अन्य इकाइयों में भी इसी प्रकार की गतिविधियाँ तेज़ हुई हैं।

बीएकेएस यूनियन अब भविष्य में सीटीसी के माध्यम से निष्पक्ष स्थानांतरण, हाउस परक्यूसिट पर टैक्स में छूट, और स्टैग्नेशन इंक्रीमेंट जैसे मुद्दों पर भी गंभीरता से काम कर रही है। यदि प्रबंधन समय रहते समाधान नहीं करता, तो यूनियन ने सभी आवश्यक कानूनी विकल्प अपनाने का संकेत भी दे दिया है।