धर्म की आड़ में करोड़ों की जमीन पर बेजा कब्जा:GE रोड की बेशकीमती जमीन पर कब्जा कर बना दी गई मस्जिद और दुकानें
धार्मिक स्थल को छोड़ बाकी जमीन को कब्जा मुक्त कराने की मांग

दुर्ग जिले के भिलाई में नेशनल हाईवे के किनारे बेशकीमती जमीन पर मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने धर्म की आड़ लेकर कब्जा कर लिया है। उन्होंने यहां मस्जिद बनाने के बाद सामने दुकानें भी बना दी हैं। अब उन दुकानों को किराये पर उठाकर उनका व्यावसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है। इसकी शिकायत उन्हीं के समाज के बीजेपी नेता ने कलेक्टर और विधायक से की है।
भिलाई के रहने वाले भाजपा नेता एसके मोबिन उर्फ बाबर ने अवैध कब्जे की शिकायत दुर्ग कलेक्टर, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पाण्डेय और वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन से की है। बाबर का आरोप है कि मुस्लिम समाज के लोगों ने सैलैनी बाबा की मजार से लगी सुपेला भिलाई जीई रोड की बेशकीमती जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। करोड़ों की जमीन पर दुकानें बनवाकर उसका व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। बाबार ने कहा कि गुलाम सैलानी जो करबला कमेटी भिलाई का अध्यक्ष है, उसने दरगाह की आड़ में करोड़ों की जमीन पर कब्जा किया है। साथ ही सड़क किनारे दुकानों का निर्माण कर ना सिर्फ किराया वसूल किया जा रहा है, बल्कि नगर निगम भिलाई को करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि भी पहुंचाई जा रही है।
जोन कार्यालय के ठीक बगल से हुआ बेशकीमती जमीन पर कब्जा।
बाबर का कहना है कि वहां काफी समय पहले से मजार थी, इसलिए वहां बने धार्मिक स्थल को छोड़कर बाकी जमीन को कब्जा मुक्त किया जाना चाहिए। ऐसे भू-माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
जो नगर निगम पूरे शहर में बेजा कब्जा पर कार्रवाई करने का दावा करता है, उसी निगम के जोन कार्यालय के दोनों तरफ मजार की आड़ में करोड़ों की जमीन पर कब्जा हो रहा है। निगम जोन कार्यालय से सुपेला की तरफ करबला कमेटी तो पावर हाउस की तरफ की साइड में दूसरे लोगों ने मस्जिद और मजार की आड़ में काफी बड़े भूखंड पर कब्जा कर लिया है। यहां पर धार्मिक कार्यों की आड़ में बड़े पैमान पर व्यवसाय भी किया जा रहा है।
शिकायत कर्ता भाजपा नेता एसके मोबिन उर्फ बाबर।
निगम के जोन कमिश्नर अमिताभ शर्मा का कहना है कि उन्होंने अतिक्रमण को लेकर दो बार समाज के लोगों को नोटिस जारी किया है। भवन अनुज्ञा अधिकारी को कार्रवाई के लिए पत्र भी लिखा है। अतिक्रमण पर कार्रवाई करने का अधिकार उन्हीं को है। एक अधिकारी ने बताया कि निगम कार्रवाई करने आगे आता है कि नेताओं का दबाव आ जाता है। इससे निगम को कार्रवाई करने से पीछे हटना पड़ रहा है।