वक्फ संशोधन बिल पर मस्जिदों में तकरीर पर रोक, वक्फ बोर्ड ने दिए सख्त निर्देश
वक्फ संपत्तियों से अवैध कब्जे हटाने और प्रशासनिक सुधार लाने की पहल

छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड ने मुतवल्लियों को निर्देश जारी किए हैं कि मस्जिदों में नमाज के बाद होने वाली तकरीर में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा नहीं होगी। बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने स्पष्ट किया कि मस्जिदों में सिर्फ धार्मिक विषयों पर तकरीर करने की अनुमति होगी। वहीं, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस विधेयक को मुस्लिम समुदाय के लिए पारदर्शिता और न्यायिक सुधार लाने वाला बताया है।
वक्फ बोर्ड का निर्देश: मस्जिदों में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा पर रोक
रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड ने सभी मुतवल्लियों को निर्देश जारी किए हैं कि मस्जिदों में नमाज के बाद वक्फ संशोधन बिल पर किसी भी तरह की तकरीर या चर्चा नहीं की जाएगी। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने बताया कि यह विधेयक संसद से पारित हो चुका है और इसे कानून के रूप में लागू किया जाना है। इसके मद्देनजर मस्जिदों में धार्मिक विषयों पर तकरीर की इजाजत होगी, लेकिन बाहरी राजनीतिक या कानूनी मुद्दों पर चर्चा की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बोर्ड ने पहले ही एक आदेश जारी कर मुतवल्लियों को स्पष्ट किया था कि यदि वे धार्मिक विषयों से इतर किसी भी मुद्दे पर तकरीर करना चाहते हैं, तो उन्हें वक्फ बोर्ड से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
मुख्यमंत्री बोले- विधेयक मुस्लिम समुदाय के लिए लाभदायक
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने वक्फ संशोधन बिल को पारदर्शिता लाने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार होगा और अतिक्रमण पर रोक लगेगी।
उन्होंने कहा, "यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के हित में पारित किया गया है। वर्षों से वक्फ संपत्तियों और सरकारी जमीनों के बीच अस्पष्टता थी, जिसे अब खत्म कर पारदर्शिता लाई जा रही है।"
आदिवासी भूमि पर अवैध कब्जे रोकने का प्रयास
मुख्यमंत्री साय ने आदिवासी समुदाय के हितों की रक्षा के लिए बिल के उस प्रावधान को महत्वपूर्ण बताया, जिसमें 5वीं और 6वीं अनुसूची क्षेत्रों में वक्फ संपत्ति बनाए जाने पर रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा कि इससे आदिवासी भूमि पर अवैध कब्जों को रोका जा सकेगा और जनजातीय संस्कृति को संरक्षित किया जा सकेगा।
वहीं, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने कहा कि यह विधेयक आदिवासी स्वाभिमान और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने वाला है।
विधेयक का समर्थन और विरोध
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने इस विधेयक को वक्फ संपत्तियों से घोटाले और अवैध कब्जों पर रोक लगाने वाला बताया। रायपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाते हुए मिठाई बांटी और पटाखे फोड़े।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता तौकीर रजा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि यह पार्टी सिर्फ तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है और विधेयक का विरोध कर रही है। उन्होंने दावा किया कि वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण हटने के बाद 12,000 करोड़ रुपये की आय वक्फ बोर्ड को होगी, जबकि वर्तमान में यह राशि केवल 163 करोड़ रुपये है।
भविष्य में क्या होगा असर?
वक्फ संशोधन बिल के पारित होने के बाद अब जिला कलेक्टरों को वक्फ संपत्तियों की निगरानी और विवादों के समाधान का अधिकार मिलेगा। इससे प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ेगी और अवैध कब्जों को खत्म किया जा सकेगा। भविष्य में इस बिल के प्रभाव को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं, लेकिन सरकार का दावा है कि यह मुस्लिम समुदाय के विकास और प्रशासनिक सुधार के लिए ऐतिहासिक कदम साबित होगा।