एटीएस की बड़ी कार्रवाई: ISIS से प्रभावित चार किशोर पकड़े, 4 साल से आतंकी संपर्क में थे
सोशल मीडिया गेम्स से किया ब्रेनवॉश, डार्क वेब पर दी ट्रेनिंग; एटीएस पूछताछ में कई राज खुले
छत्तीसगढ़ एटीएस ने शनिवार को भिलाई से ISIS से संपर्क रखने वाले चार नाबालिगों को गिरफ्तार कर बड़ा खुलासा किया है। ये किशोर पिछले चार–पांच वर्षों से पाक मॉड्यूल के आतंकियों के प्रभाव में थे और सोशल मीडिया गेम्स के जरिए धीरे-धीरे ब्रेनवॉश किए जा रहे थे। फिलहाल रायपुर स्थित एटीएस मुख्यालय में इनसे पूछताछ चल रही है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ एटीएस ने भिलाई में बड़ी कार्रवाई करते हुए ISIS नेटवर्क से जुड़े चार नाबालिगों को गिरफ्तार किया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि ये सभी बच्चे पिछले चार से पांच वर्षों से पाक मॉड्यूल के आतंकियों के संपर्क में थे और सोशल मीडिया के जरिए लगातार ब्रेनवॉश किए जा रहे थे। फिलहाल रायपुर स्थित एटीएस कार्यालय में इनसे पूछताछ जारी है।
सूत्रों के अनुसार मंगलवार को भी भिलाई और रायपुर से दो नाबालिग पकड़े गए थे। अब तक एटीएस इस पूरे मामले पर आधिकारिक बयान देने से बच रही है, लेकिन शुरुआती जांच में यह छत्तीसगढ़ में अपनी तरह की पहली घटना माना जा रहा है, जिसमें आतंकी संगठन ने बच्चों को निशाना बनाकर अपना नेटवर्क तैयार किया।
गेमिंग के बहाने आतंकियों से संपर्क
पता चला है कि गिरफ्तार दो किशोर आपस में दोस्त हैं और भिलाई के रहने वाले हैं। एक किशोर पिछले साल परिवार के साथ रायपुर शिफ्ट हुआ था। दोनों सोशल मीडिया पर ऑनलाइन गेम खेलते हुए आतंकियों की फेक आईडी से संपर्क में आए। बाद में इन्हीं गेम्स के जरिए उन्हें हिंसक कंटेंट भेजा जाने लगा, जिसका उद्देश्य बच्चों को कट्टरपंथी बनाना था।
डार्क वेब से मिली ट्रेनिंग
बच्चों को अपने प्रभाव में लेने के बाद पाक मॉड्यूल ने इनसे इनक्रिप्टेड साइट्स और डार्क वेब पर बातचीत शुरू कर दी। खुफिया सूत्र बताते हैं कि दोनों किशोर डार्क वेब के तकनीकी इस्तेमाल में इतनी महारत हासिल कर चुके थे कि एजेंसियों को उनकी गतिविधियों को ट्रेस करने में काफी समय लगा।
परिजन अनजान, बच्चे पूरी तरह ब्रेनवॉश
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बच्चों के परिवारों को इसकी कोई जानकारी नहीं थी। पढ़ाई के लिए दिए गए लैपटॉप और मोबाइल का इस्तेमाल बच्चे आतंकियों से संपर्क में रहने के लिए कर रहे थे। आतंकियों ने बच्चों को यह निर्देश भी दे रखा था कि वे किसी से यह संबंध साझा न करें।
किसी भी वक्त बड़ी वारदात की आशंका
खुफिया एजेंसियों का दावा है कि बच्चे ट्रेनिंग के अंतिम चरण तक पहुंच चुके थे। हाल ही में पाक मॉड्यूल ने उन्हें किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए उकसाना शुरू कर दिया था। इनके मन में भारत के प्रति गहरी नफरत भर दी गई थी।
सौ से अधिक युवाओं का गुप्त ग्रुप
जांच में यह भी पता चला है कि दोनों किशोरों ने ISIS समर्थकों के इशारे पर सौ से अधिक किशोरों का अलग-अलग ग्रुप बना लिया था। एटीएस अब इन सभी ग्रुप सदस्यों की पहचान कर रही है और यह भी पता लगा रही है कि इनमें कौन-कौन से राज्य शामिल हैं।
दो वर्ष से निगरानी में थे
बताया जा रहा है कि संदेहास्पद गतिविधि मिलने पर एटीएस ने दो वर्ष पहले भी इन किशोरों से पूछताछ की थी। इसके बाद दोनों ने अपनी गतिविधियों को काफी हद तक छिपा लिया और बातचीत को इनक्रिप्टेड साइट्स पर शिफ्ट कर दिया। तकनीकी सबूत मिलने के बाद ही एटीएस ने ऑपरेशन चलाकर इन्हें गिरफ्तार किया।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सक्रिय थे
मई में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भी दोनों बच्चे आतंकियों के संपर्क में थे। आरोप है कि उन्होंने सुरक्षा बलों के मूवमेंट से जुड़ी जानकारी आतंकियों तक पहुंचाई थी।
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