एसीआई में जीवन की नई धड़कन: 60 वर्षीय मरीज की 100% ब्लॉकेज पर एंजियोप्लास्टी सफल
कार्डियोलॉजी विभाग ने दर्ज की बड़ी उपलब्धि, मध्यप्रदेश से आए मरीज को मिली नई उम्मीद, पड़ोसी राज्यों से भी बढ़ रहा भरोसा
पं. जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) ने एक बार फिर अपनी चिकित्सा दक्षता का लोहा मनवाया है। यहाँ कार्डियोलॉजी विभाग की टीम ने 60 वर्षीय मरीज की 100 प्रतिशत ब्लॉकेज वाली नसों को सफलतापूर्वक खोलकर उन्हें नया जीवनदान दिया। इस सफलता के साथ एसीआई प्रदेश ही नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्यों के मरीजों के लिए भी उम्मीद का केंद्र बन रहा है।
रायपुर। एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) रायपुर एक बार फिर जीवनदायिनी साबित हुआ है। मध्यप्रदेश से आए 60 वर्षीय मरीज के हृदय में 100 प्रतिशत ब्लॉकेज की चुनौती के बीच कार्डियोलॉजी विभाग ने सफल एंजियोप्लास्टी कर नई उम्मीद की धड़कनें जगा दीं।
परिजनों के मुताबिक मरीज लंबे समय से दवाओं के सहारे जीवन जी रहे थे और कई बड़े अस्पतालों ने उपचार से हाथ खड़े कर दिये थे। इस दौरान रायपुर स्थित एसीआई की सफलता की जानकारी मिलने पर परिजन मरीज को लेकर यहाँ पहुँचे। मरीज स्वयं बताते हैं—“जब कई जगह इलाज असंभव बताया गया तो एसीआई आखिरी उम्मीद बना। मैंने डॉक्टर से कह दिया था कि चाहे कितना भी जोखिम क्यों न हो, इलाज़ कीजिये।” अंततः डॉक्टरों ने उन्हें नया जीवन दिया।
कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव के नेतृत्व में राइट फीमोरल एंजियोप्लास्टी की गई, जिसमें सभी ब्लॉकेज को सफलतापूर्वक खोला गया। अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ हैं और जल्द ही डिस्चार्ज कर दिये जाएंगे।
डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि पाँच वर्ष पूर्व भी मध्यप्रदेश से आए एक मरीज की जटिल लेजर एंजियोप्लास्टी सफल रही थी। इस बार भी कठोर ब्लॉकेज को देखते हुए लेजर तकनीक की तैयारी की गई थी, लेकिन सामान्य एंजियोप्लास्टी से ही बेहतरीन परिणाम प्राप्त हुए। वहीं, डीन डॉ. विवेक चौधरी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए टीम को तत्काल एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिये थे। एसीआई की इस उपलब्धि के साथ प्रदेश ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों से भी मरीज उपचार के लिए यहाँ भरोसे के साथ पहुँच रहे हैं।
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