क्या खुशियों का कोई फॉर्मूला है:खुशी के लिए 3 चीजें सबसे कीमती; परिवार, दोस्त और सेहत

क्या खुशियों का कोई फॉर्मूला है:खुशी के लिए 3 चीजें सबसे कीमती; परिवार, दोस्त और सेहत

क्या खुशियों का कोई फॉर्मूला है... क्या उसका कोई पता है? इन दो मुश्किल सवालों का जवाब है आपका मन। खुशी आपके मन में है, उसे बाहर नहीं अंदर तलाशने की जरूरत है। आज नो निगेटिव मंडे की सालगिरह पर पढ़िए खुशी के बारे में विज्ञान और मनोविज्ञान क्या कहता है... कैसे जीवन ऊर्जा का सबसे बड़ा जरिया है...

रोज कोई तीन चीजें लिखें, जिसके लिए आप शुक्रगुजार हैं
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के मनोविज्ञान के प्रोफेसर डॉ. रॉबर्ट वॉल्डिंगर का कहना है कि कभी सोचा है कि किसी की घोर प्रशंसा महज एक आलोचना करने से क्यों बेकार हो जाती है? अच्छी-भली शानदार लंबी छुट्टियों का मजा आखिरी दिन किसी छोटी-सी बात पर हुए झगड़े से क्यों बर्बाद हो जाता है? खाने के आसपास मंडराती एक मक्खी क्यों बेहतरीन से बेहतरीन खाने का आनंद छीन लेती है? इसकी वजह ये है कि हमारा दिमाग नकारात्मक चीजों को जल्दी नोटिस करता है।

इसका समाधान ये है कि कृतज्ञता जताएं। रोज कोई तीन चीजें लिखें, जिसके लिए आप शुक्रगुजार हैं। इससे आप जिंदगी की सकारात्मक चीजों पर फोकस करने लगेंगे। फिर भी लगे कि जिंदगी में कुछ सकारात्मक है ही नहीं तो ‘काउंटरफैक्चुअल थिंकिंग’ अपनाएं। इसके लिए ‘अगर ये न हो तो’ फॉर्मूले का सहारा लें। इसमें आपको खुद से ऐसी चीजें पूछनी हैं, जैसे- अगर सबसे अच्छा दोस्त आपके पास न होता तो? अगर खाने को कुछ नहीं मिलता तो? ऐसे आप महसूस करेंगे कि आपके पास शुक्रिया कहने के लिए कितनी सारी चीजें हैं? हम उन दिनों के लिए कभी शुक्रगुजार नहीं होते, जब बीमार या दर्द में नहीं होते। उन रातों के लिए कभी धन्यवाद नहीं कहते, जब बारिश में सिर पर छत होती है। उन सुबहों के लिए आभार नहीं जताते, जो जिंदगी में नया दिन लाती हैं।