क्राइम कंट्रोल पर सख्त डीजीपी अरुण देव: दुर्ग दौरे में अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश
मासूम से दुष्कर्म व हत्या के बाद डीजीपी ने ली आपात बैठक
भिलाई। छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने बुधवार को दुर्ग जिले का दौरा किया। हाल ही में जिले में हुई दो गंभीर आपराधिक घटनाओं के मद्देनजर डीजीपी ने दुर्ग पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की विशेष बैठक ली। उन्होंने जिले में कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए अपराध नियंत्रण को लेकर अहम दिशा-निर्देश दिए।
पिछले दो दिनों में जिले में दो शर्मनाक घटनाएं सामने आई हैं—पहले एक मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या, और फिर एक मूक-बधिर बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास। इन घटनाओं के चलते प्रदेश के डीजीपी को खुद दुर्ग पहुंचना पड़ा।
डीजीपी ने बैठक में क्या कहा?
पुलिस कंट्रोल रूम में हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में आईजी राम गोपाल गर्ग, एसपी जितेन्द्र शुक्ला समेत जिले के तमाम थाना प्रभारियों और राजपत्रित अधिकारियों ने भाग लिया। डीजीपी गौतम ने सभी थानों में लंबित मामलों की समीक्षा की और अपराध नियंत्रण की दिशा में ठोस कदम उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रत्येक थाना प्रभारी को अपने क्षेत्र में अपराध पर अंकुश लगाने के लिए जवाबदेह रहना होगा।
पुलिस कार्रवाई पर संतोष, लेकिन सतर्कता जरूरी
मीडिया से बातचीत के दौरान डीजीपी ने मासूम के साथ हुई घटना को लेकर दुर्ग पुलिस की कार्रवाई की सराहना की और कहा कि “न्याय दिलाना ही पुलिस का मुख्य कार्य है।” उन्होंने नशाखोरी पर भी चिंता जताई और इसे खत्म करने के लिए चल रही कार्रवाई पर चर्चा की।
महादेव एप और नक्सल मुद्दे पर नहीं दी प्रतिक्रिया
जब डीजीपी अरुण देव से महादेव सट्टा एप और नक्सलवाद को लेकर सवाल किए गए, तो उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। उनकी चुप्पी ने इन दोनों मुद्दों को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।