खास समाचार :नौकरी और प्रमोशन दोनों के लिए अब TET अनिवार्य: सुप्रीम कोर्ट का आदेश, फेल होने पर इस्तीफा या रिटायरमेंट

खास समाचार :नौकरी और प्रमोशन दोनों के लिए अब TET अनिवार्य: सुप्रीम कोर्ट का आदेश, फेल होने पर इस्तीफा या रिटायरमेंट

नई दिल्ली (ए)। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने साफ कहा है कि अब सरकारी या मान्यता प्राप्त स्कूलों में नौकरी जारी रखने और प्रमोशन पाने के लिए टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पास करना जरूरी होगा।

सोमवार को जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि जिन शिक्षकों की सेवा अवधि अभी 5 साल से अधिक बची है, उन्हें हर हाल में TET क्वालिफाई करना होगा। अगर कोई शिक्षक यह परीक्षा पास नहीं करता तो उसे या तो इस्तीफा देना होगा या फिर अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेनी पड़ेगी। बेंच ने यह भी कहा कि यह आदेश माइनॉरिटी इंस्टीट्यूशंस पर लागू होगा या नहीं, इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच करेगी।

क्यों लिया गया यह फैसला?

सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जो तमिलनाडु और महाराष्ट्र में शिक्षकों की नियुक्ति और प्रमोशन के लिए TET की अनिवार्यता को लेकर दायर की गई थी।

दरअसल, RTE एक्ट 2009 की धारा 23(1) के तहत शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता तय करने का अधिकार राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) को दिया गया था। NCTE ने 2010 में नोटिफिकेशन जारी कर TET को कक्षा 1 से 8 तक शिक्षक बनने की बुनियादी शर्त बना दिया था। इसके लिए शिक्षकों को परीक्षा पास करने के लिए पहले 5 साल का समय दिया गया, जिसे बाद में 4 साल और बढ़ा दिया गया।

जून 2025 में मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि 29 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त हुए शिक्षकों के लिए TET पास करना सेवा में बने रहने की अनिवार्यता नहीं होगी, हालांकि प्रमोशन के लिए यह जरूरी रहेगा। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का यह निर्णय पलटते हुए कहा है कि नौकरी में बने रहने और पदोन्नति, दोनों के लिए TET क्वालिफाई करना अनिवार्य होगा।