दुर्ग-भिलाई मॉकड्रिल का दूसरा चरण: सायरन पर ब्लैकआउट, लाइटें बुझी
देश के 244 संवेदनशील क्षेत्रों में युद्धकालीन अभ्यास जारी

SDRF ने पहले चरण में रेस्क्यू ऑपरेशन का प्रशिक्षण दिया
शाम 7:30–7:42 बजे तक भिलाई क्षेत्र में ब्लैकआउट रिहर्सल
पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच मंगलवार 7 मई को पूरे देश के 244 इलाकों में युद्ध के दौरान बचाव और सुरक्षा प्रक्रियाओं का मॉकड्रिल आयोजित किया गया। दुर्ग-भिलाई क्षेत्र, जिसकी सुरक्षा के लिए भिलाई स्टील प्लांट महत्वपूर्ण माना जाता है, इस अभ्यास में शामिल है। दो चरणों में विभक्त इस मॉकड्रिल का पहला चरण शाम 4 बजे समाप्त हुआ और अब शाम 7:30 बजे से 7:42 बजे तक ब्लैकआउट का रिहर्सल किया गया।
दुर्ग-भिलाई. आज शाम 4 बजे से दुर्ग-भिलाई में युद्धकालीन तैयारियों का अभ्यास शुरू हुआ, जिसमें SDRF टीम ने आग लगने पर कार्रवाई, घायल जवानों को प्राथमिक उपचार और सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की तकनीक का प्रदर्शन किया। सिविल डिफेंस ने आम नागरिकों के लिए आपातकालीन व्यवहार का प्रशिक्षण दिया, जबकि सुर्या मॉल परिसर में भी सुरक्षा उपायों का परीक्षण किया गया।
पहले चरण के सफल समापन के बाद दूसरे चरण में शाम 7:30 बजे “रेड अलर्ट” सायरन बजने पर भिलाई सेक्टर और स्टील प्लांट एरिया में ब्लैकआउट लागू किया गया। दो मिनट तक बजने वाले इस सायरन पर सभी घरों, दुकानों और वाहनों की लाइट बंद की गईं। सड़क पर चल रहे वाहन तुरंत रोके गए और उनकी हेडलाइट-बैकलाइट भी बंद रखी गईं।
7:42 बजे “ग्रीन अलर्ट” सायरन के साथ “ऑल क्लियर” की घोषणा हुई, जिसके बाद लाइटें फिर से चालू की जा सकीं। इस व्यापक मॉकड्रिल का उद्देश्य संभावित संकट में त्वरित बचाव, नागरिक सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं की बहाली में प्रशासन तथा आम जनता के समन्वय को परखना है।