फैक्ट्री में मजदूर की मौत, परिजनों पर लाठीचार्ज....भिलाई में मुआवजे की मांग पर अड़े परिजन....

छत्तीसगढ़ के भिलाई स्थित हथखोज इंडस्ट्रियल एरिया में फैक्ट्री के अंदर मजदूर की मौत मामले में देर रात जमकर बवाल हुआ। मृतक के परिजन शव रखकर फैक्ट्री के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने शव को ले जाने की कोशिश की तो परिजनों ने विरोध किया। इस पर पुलिस ने उनपर जमकर लाठियां भांज दी। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर कंपनी संचालक से मिलीभगत का आरोप लगाया है।
रविंद्र वर्मा नाम का युवक हथखोज के भिलाई आयरन स्टील प्रोसेसिंग कंपनी में मजदूर था। फैक्ट्री में रविवार दोपहर उसके ऊपर लोहे की भारी चीज गिरी। सिर फटने से उसकी मौके पर मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों फैक्ट्री प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया और 50 लाख रुपए मुआवजे की मांग की थी। फैक्ट्री संचालक ने जब 50 लाख मुआवजा देने से मना किया तो पीड़ित पक्ष फैक्ट्री के बाहर धरने पर बैठ गया। धीरे-धीरे उनके साथ कई सामाजिक और राजनीतिक संगठन भी जुड़ गए। मामला बढ़ता देख जामुल, छावनी सहित कई थानों से पुलिस बल को बुलाया गया। पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को काफी समझाया, लेकिन वो नहीं माने।
इसके बाद रात होने पर पुरानी भिलाई थाना प्रभारी महेश ध्रुव ने शव को मॉर्चुरी भिजवाने की बात कही, फिर भी परिजन नहीं माने, उन्होंने कहा कि जब तक मुआवजे नहीं मिलता वो लोग शव को नहीं हटाएंगे। पुलिस ने एंबुलेंस में रखे शव को ले जाने की कोशिश की तो कुछ लोग एंबुलेंस के आगे लेट गए। इस पर पुलिस के जवानों ने उन पर जमकर लाठी भांजी। पुलिस के लाठी चार्ज के बाद पूरी भीड़ इधर उधर हो गई।
धरने पर बड़ी संख्या में महिलाएं भी बैठी थीं। उनका आरोप है कि अपनी मांग को रखना कौन सा पाप है। वो लोग शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहे थे। उनका धरना तोड़ने के लिए पुलिस ने उन पर बल प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन फैक्ट्री संचालक से मिला हुआ है। उसके कहने पर उन्होंने महिलाओं पर भी लाठी भांजी जो गलत है। इस बारे में टीआई महेश ध्रुव का कहना है कि उनके पास महिला बल नहीं था। इसलिए महिलाओं से हाथ जोड़कर घर जाने का अनुरोध किया गया था। गाड़ी के सामने लेटने वाले लोगों पर हल्का बल प्रयोग किया गया है। महिला और अन्य किसी पर भी पुलिस ने लाठी नहीं भांजी है।
पुलिस के लाठी चार्ज करते ही पूरी भीड़ इधर उधर हो गई। पुलिस वालों ने एंबुलेंस चालक को वहां से शव लेकर लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला स्थित मॉर्चुरी भेजा। शव को फ्रीजर में रखवा दिया गया है। शव ले जाने के बाद भी पीड़ित पक्ष फैक्ट्री के बाहर धरने पर बैठा है। देर रात तक धरना प्रदर्शन चलता रहा। माहौल तनाव पूर्ण बना है।
थाना प्रभारी महेश ध्रुव ने बताया कि रविवार दोपहर काम के दौरान रविंद्र वर्मा उस तरफ बाथरूम करने चला गया, जहां हैवी लिफ्टिंग का काम चल रहा था। जब रविंद्र बाथरूम करके लौटा तो मना करने के बाद भी वो उसी तरफ आया और अचानक फिसल कर गिर गया। इसी दौरान ऊपर लिफ्ट के पास से एक लोहे का गोल पहियानुमा चीज उसके सिर पर गिरी। इससे उसका सिर फट गया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। कंपनी संचालक धारिया जाम का कहना है कि वो मृतक के दोनों बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य का खर्च उठाएंगे। उसकी पत्नी को नौकरी दे देंगे। साथ ही दोनों बच्चों के नाम 3-3 लाख रुपए की एफडी कर देंगे। इसके अलावा उन्हें इंश्योरेंस से जो मिल जाएगा वो मिलेगा। इसके बाद भी पीड़ित परिवार 50 लाख रुपए मुआवजा को लेकर अड़ा हुआ है।