भिलाई में नेत्र उत्सव का भव्य आयोजन, महाप्रभु रथयात्रा के लिए तैयार
जगन्नाथ मंदिर सेक्टर-4 में श्रद्धा व उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ नेत्र उत्सव, रथयात्रा में विधायक रिकेश सेन करेंगे ‘छेरा पंहरा’

भिलाई, 26 जून 2025। श्री जगन्नाथ मंदिर, सेक्टर-4 में आयोजित नेत्र उत्सव का कार्यक्रम परंपरागत श्रद्धा व धार्मिक उल्लास के साथ संपन्न हुआ। महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के नवयौवन स्वरूप के प्रथम दर्शन हेतु बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। अब महाप्रभु की रथयात्रा 27 जून को गाजे-बाजे और भव्य शोभायात्रा के साथ निकलेगी।
भिलाई के सेक्टर-4 स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की 56वीं रथयात्रा महोत्सव की तैयारी जोरों पर है। रथयात्रा की पूर्व संध्या पर 26 जून को पारंपरिक ‘नेत्र उत्सव’ का आयोजन श्रद्धा व भक्तिभाव के साथ किया गया।
देव स्नान पूर्णिमा के पश्चात महाप्रभु के मंदिर के पट खोले गए और नवयौवन रूप में दर्शन के लिए प्रभु पुनः रत्न सिंहासन पर विराजमान हुए। परंपरागत पूजा-अर्चना, हवन एवं धार्मिक अनुष्ठान समाजसेवी श्री संजय मिश्रा की अगुआई में सम्पन्न हुआ, जिसमें पुरोहित श्री पितवास पाढ़ी ने विधिवत पूजा संपन्न कराई। इस अवसर पर मंदिर परिसर मंगलध्वनि, घंटावादन और जयघोष से गूंज उठा।
श्रद्धालुओं ने नवयौवन स्वरूप के प्रथम दर्शन कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। नेत्र उत्सव के दौरान रथ पर ध्वज स्थापित कर रथयात्रा आरंभ की प्रतीकात्मक घोषणा भी की गई।
इस आयोजन की सफलता में श्री वीरेन्द्र सतपथी (अध्यक्ष), सत्यवान नायक (महासचिव) सहित समिति के पदाधिकारी त्रिनाथ साहू, भीम स्वांई, अनाम नाहक, बीसी बिस्वाल, बसंत प्रधान, डी त्रिनाथ, वृंदावन स्वांई, निरंजन महाराणा, सुशांत सतपथी, प्रकाश दास, कालू बेहरा, रंजन महापात्र, रवि स्वांई, एससी पात्रो, जगन्नाथ पटनायक, कवि बिस्वाल, सीमांचल बेहरा, हिमांशु शांति, सुदर्शन शांति आदि का सराहनीय योगदान रहा। मंदिर प्रांगण श्रद्धालुओं की उपस्थिति से अनुप्राणित हो उठा।
रथयात्रा कार्यक्रम का विवरण: महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा दिनांक 27 जून 2025, शुक्रवार को दोपहर 1:30 बजे सेक्टर-4, सड़क-15 स्थित मंदिर से प्रारंभ होकर सेंट्रल एवेन्यू होते हुए सेक्टर-10 स्थित भव्य गुंडिचा मंडप पहुंचेगी। इस पवित्र अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में वैशाली नगर विधायक श्री रिकेश सेन ‘छेरा पंहरा’ परंपरा निभाएंगे। यह वही परंपरा है जो पुरी (ओडिशा) में गजपति महाराज द्वारा निभाई जाती है। मंदिर समिति ने समस्त श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि समय पर मंदिर पहुंचकर इस पावन अनुष्ठान में भाग लें और महाप्रभु के दर्शन कर पुण्य लाभ प्राप्त करें।