वैशाली नगर में गूंजे छत्तीसगढ़ी गीत, चौक-चौराहों पर राज्योत्सव की सांस्कृतिक गूंज
विधायक रिकेश सेन की पहल—सुबह से रात तक बजते रहे लोकगीत 30 चौक-चौराहों में उत्सव का माहौल, लोगों ने संस्कृति व परंपरा को याद किया
छत्तीसगढ़ राज्य के 25वें स्थापना दिवस पर वैशाली नगर विधानसभा में अनूठा दृश्य देखने को मिला। मंगलवार को क्षेत्र के 30 से अधिक प्रमुख चौक-चौराहों पर दिनभर छत्तीसगढ़ी लोकगीत गूंजते रहे। विधायक रिकेश सेन की यह पहल स्थानीय नागरिकों के लिए संस्कृति और परंपरा से भरपूर भावनात्मक अनुभव लेकर आई।
भिलाई नगर, 01 नवंबर। छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष पर वैशाली नगर विधानसभा ने अपनी पारंपरिक पहचान को खास अंदाज में जीया। मंगलवार सुबह से रात तक विधानसभा के 30 से अधिक प्रमुख चौक और सार्वजनिक स्थलों पर छत्तीसगढ़ी लोकगीतों का प्रसारण किया गया। इस अभिनव आयोजन से पूरा क्षेत्र राज्योत्सव की सांस्कृतिक धुनों से सराबोर रहा।
विधायक रिकेश सेन ने राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को जन-जन तक पहुंचाने और नई पीढ़ी को लोकसंस्कृति से जोड़ने के उद्देश्य से यह विशेष पहल की। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ी गीत केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज की भावना, श्रद्धा, रिश्ते और जीवन दर्शन को स्वर देते हैं।
विधायक सेन ने कहा कि गौरा-गौरी, सुवा, पंडवानी और राउत नाच जैसे लोकगीत हमारी भूमि की आत्मा हैं। इन्हीं गीतों के माध्यम से समाज ने वर्षों से त्योहार, जैत-पूजा, विवाह संस्कार और जन्म से लेकर जीवन के हर चरण की भावनाएं अभिव्यक्त की हैं। आज के आयोजन में विवाह गीत, सोहर, बिहाव गीत सहित संत कबीर, रैदास और दादू के भजनों को शामिल किया गया, जो आध्यात्मिकता और मानवीय मूल्यों की प्रेरणा देते हैं।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी लोकधुनों में प्रकृति, पशु-पक्षी, ग्राम्य जीवन, श्रम, उत्सव और संवेदनाओं की अद्भुत झलक दिखाई देती है। यही हमारी असली पहचान है, और इन गीतों को सुनकर आज हर नागरिक ने राज्य की सांस्कृतिक मिट्टी को और गहराई से महसूस किया।
वैशाली नगर क्षेत्र में रानी अवंती बाई चौक, स्मृति नगर चौक, भामा शाह चौक, जुनवानी चौक, सुपेला घड़ी चौक, नेहरू नगर चौक, मौर्या टॉकीज चौक, गोल मार्केट, कोसानगर टोल प्लाजा, राधिका नगर, कैलाश नगर और कैम्प क्षेत्र सहित विभिन्न चौक-चौराहों पर साउंड सिस्टम के जरिए लोक गीतों का प्रसारण किया गया। स्थानीय नागरिकों ने गीतों के साथ राज्योत्सव की खुशियां साझा कीं और अपनी सांस्कृतिक धरोहर पर गर्व व्यक्त किया।
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