सुपारी किलिंग मामले में हुआ खुलासा:पुलिस ने कहा- पुराने लेन देन को लेकर हुआ मर्डर, किया गया था मामले को मोड़ने का प्रयास

सुपारी किलिंग मामले में हुआ खुलासा:पुलिस ने कहा- पुराने लेन देन को लेकर हुआ मर्डर, किया गया था मामले को मोड़ने का प्रयास

भिलाई. छत्तीसगढ़ के भिलाई में चार दिन पहले सुपारी देकर हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा किया। पुलिस ने कहा कि हत्या पुराने लेन देन को लेकर हुई है। पुलिस को गुमराह करने के लिए मामले को सुपारी किलिंग और ऑनलाइन सट्टा की वसूली से जोड़ा गया। इतना ही नहीं पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपी को भी निर्दोष बताते हुए उसे दूसरी धाराओं का आरोपी बता डाला।

मामले का खुलासा करते हुए दुर्ग एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि ओम प्रकाश साहू की पत्नी विमला साहू ने बीते 1 जून को भिलाई तीन थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके पति का अपहरण हो गया है। उसने बताया कि 31 मई की शाम 7.30 बजे उसका पति ओम प्रकाश घर में जल्द आने की बात कहकर निकला था। जब वो देर रात तक घर नहीं लौता उन लोगों चिंता हुई। इसी दौरान रात 11.45 बजे उसके मोबाइल में फोन आया, लेकिन उसमें बात नहीं हो पाई। इसके बाद विमला ने जब ओम प्रकाश को फोन लगाया तो उसका नंबर बंद आया। फोन न लगने पर उसने पति को मैसेज डाला। अगले दिन 1 जून की सुबह 10.15 बजे उसने फिर से फोन किया तो फोन किसी अज्ञात व्यक्ति ने उठाया। उसने विमला को बोला कि तुम्हारा पति सट्टा का 30 लाख रुपए खा गया है। उसे दो दिन के अंदर नहीं लौटाया तो उसका शव घर भेज दूंगा। आरोपी ने पुलिस में न जाने की भी धमकी दी। बोला अगर पुलिस को खबर की तो भी उसके पति को मार देंगे।

आरोपी की धमकी से विमला घबरा गई। उसने इसकी शिकायत पुरानी भिलाई थाने में दर्ज कराई। फिरौती और किडनैपिंग की बात सामने आने पर पुलिस ने तुरंत मामले को गंभीरता से लिया। आईपीएस प्रभात कुमार ने मोबाइल सर्वर डंप निकाला और उसके आधार पर कुछ संदेहियों के नंबर प्राप्त किए। जब उन नंबर का डिटेल निकाला तो उसमें आशीष तिवारी जो कि लूट के मामले में कुछ दिन पहले ही जेल से बाहर आया उसका नाम आया। पुलिस ने आशीष तिवारी को छावनी क्षेत्र से घेराबंदी करके पकड़ा। कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने अपने साथियों के साथ ओम प्रकाश की हत्या कर शव तालाब में फेंकने की बात स्वीकार की।

जेल से बाहर आने के लिए ओम प्रकाश को दिए थे रुपए
आशीष तिवारी ने बताया कि ओम प्रकाश से उसकी मुलाकार जेल के अंदर हुई थी। उसने उसे बताया था कि उसकी पकड़ ऊपर तक है, वो उसे सभी आरोपों से बरी करा सकता है। इसके चलते उसने उसे डेढ़ लाख रुपए दिए थे। जब आशीष जेल से बार आया तो ओम प्रकाश ने उसके रुपए देने से मना कर दिया। इसीलिए उसने उसकी हत्या करने का प्लान अपने साथी रजनीश पाण्डेय उर्फ अंकू निवासी खुर्सीपार और अनुज तिवारी उर्फ लाला निवासी खुर्सीपार के साथ मिलकर बनाया।