हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ में दुष्कर्म केसेस की मांगी रिपोर्ट....तीन साल की मासूम की हत्या के बाद रेप पर की सुनवाई...

बिलासपुर में तीन साल की मासूम की रेप और हत्या के मामले पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने सुनवाई शुरू की है। डिवीजन बेंच ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से पूछा है कि छत्तीसगढ़ में इस तरह के दुष्कर्म के कितने केस है और कितने मामलों में मुआवजा नहीं मिला है। इस पर विस्तृत जानकारी के साथ दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगा है। वहीं, हाईकोर्ट की पहल पर हरकत में आए शासन-प्रशासन ने रेप पीड़ित मृत बच्ची के परिजन को 10 लाख रुपए मुआवजा देने की जानकारी दी है, जिसमें से 2.50 लाख दे दिया है।
दरअसल, सिरगिट्टी थाना क्षेत्र में हाल ही में तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या की वारदात हुई थी। इस मामले में आरोपी भी नाबालिग है। बच्ची का परिवार आरोपी के घर किराए पर रहता है। पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज कर उ से गिरफ्तार कर लिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले को जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है।हत्या और रेप के इस मामले के बाद मोहल्ले वालों के साथ परिजनों ने आंदोलन किया था। तब जिला प्रशासन के अफसरों ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए देने की घोषणा की थी। हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान शासन की तरफ से बताया गया कि पीड़ित परिवार को 2.50 हजार रुपए मुआवजा दे दिया गया है। वहीं, बाकी के 7.50 लाख रुपए कोर्ट का फैसला आने के बाद दिया जाएगा।
इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से पूछा है कि प्रदेश में दुष्कर्म के इस तरह के कितने केसेस हैं और कितने प्रकरणों में पीड़ित और उनके परिवार के सदस्यों को मुआवजा नहीं दिया गया है। कोर्ट ने इस संबंध में दो सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है। दरअसल, इस पूरे मामले में पुलिस और प्रशासन की लापरवाही सामने आई थी। तत्काल दी जाने वाली मुआवजा राशि भी पीड़ितों को नहीं मिली थी। जिस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था। साथ ही बीते 3 अप्रैल को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद दो दिन के भीतर मुआवजा देने का आदेश दिया था।
इस मामले में आर्थिक सहायता राशि नहीं मिलने पर परिजनों को कर्ज लेकर अपनी मासूम बेटी का अंतिम संस्कार करना पड़ा था। जिसके बाद हाईकोर्ट की पहल पर अब पीड़ित परिवार को मुआवजा राशि दी गई है।