7 जुलाई को रायपुर से गूंजेगी कांग्रेस की हुंकार: चौबे और वोरा ने दुर्ग में संभाली कमान
दुर्ग में आयोजित कांग्रेस बैठक में आमसभा की तैयारियों की समीक्षा, रविंद्र चौबे बोले - “यह संविधान, किसान और युवा के हक़ की लड़ाई है”; अरुण वोरा ने राज्य सरकार पर बोला तीखा हमला

7 जुलाई को रायपुर में कांग्रेस द्वारा आयोजित होने वाली 'किसान, जवान, संविधान' महासभा को लेकर तैयारियों का दौर जोरों पर है। इसी कड़ी में दुर्ग में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की उपस्थिति में एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें आयोजन की रणनीति और कार्यकर्ताओं की भागीदारी पर चर्चा हुई। यह कार्यक्रम भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ कांग्रेस की बड़ी सियासी पहल माना जा रहा है।
दुर्ग। राज्य की राजनीति में आगामी 7 जुलाई को नया मोड़ आने वाला है, जब रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में कांग्रेस पार्टी की ‘किसान, जवान, संविधान’ विषयक विशाल आमसभा आयोजित होगी। इस महत्त्वपूर्ण आयोजन को लेकर पूरे प्रदेश में तैयारियाँ जोरों पर हैं। इसी संदर्भ में दुर्ग के राजीव भवन में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरुण वोरा प्रमुख रूप से शामिल हुए।
रविंद्र चौबे, जिन्हें दुर्ग ज़िले का आयोजन प्रभारी नियुक्त किया गया है, ने बैठक में स्पष्ट किया कि यह आमसभा केवल पार्टी आयोजन नहीं बल्कि जनता के अधिकारों की आवाज़ बनने जा रही है। उन्होंने कहा:
> “7 जुलाई का मंच संविधान की रक्षा, किसानों के अधिकार और युवाओं के भविष्य की लड़ाई का प्रतीक बनेगा। भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ यह एक निर्णायक संदेश होगा।”
चौबे ने केंद्र और राज्य सरकार पर किसानों की अनदेखी, युवाओं को रोजगार न देने और संविधान से खिलवाड़ करने के आरोप लगाए।
इस दौरान वरिष्ठ नेता अरुण वोरा ने भी तीखा राजनीतिक हमला बोला। उन्होंने कहा:
> “भाजपा की साय सरकार ने बीते डेढ़ वर्ष में राज्य की 17 से अधिक जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया, जबकि 37 हजार करोड़ का कर्ज़ चढ़ा लिया। कानून व्यवस्था चरमरा गई है — हत्या, बलात्कार, डकैती जैसे अपराधों में तेजी आई है, और पुलिस अभिरक्षा में मौतें होना चिंता का विषय बन गया है।”
वोरा ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि:
> “राज्य में 33,000 शिक्षकों के पद रिक्त हैं, लेकिन कोई भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई। बस्तर कनिष्ठ चयन बोर्ड लगभग ठप पड़ा है। भाजपा ने 5 वर्षों में 1 लाख नौकरी देने का वादा किया था, पर डेढ़ साल में एक भी भर्ती नहीं हुई।”
बैठक में यह तय किया गया कि दुर्ग जिले से सैंकड़ों कार्यकर्ता रायपुर पहुंचकर आमसभा को सफल बनाएंगे।
इस बैठक में गया पटेल, राकेश ठाकुर, मुकेश चंद्राकर, शिजु एंथनी, निर्मल कोसरे, आर.एन. वर्मा, धीरज बकलीवाल, अल्ताफ़ अहमद, राजकुमार नारायणी, रत्ना नरमदेव समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।