8 दिन बाद शुरू हो रहा श्रावण मास, इस विधि से करें सोमवार को महादेव की पूजा, नोट कर लें पूजन सामग्री
हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास 4 जुलाई 2023 से शुरू हो रहा है. श्रावण मास की शुरुआत हर बार आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि के बाद शुरू होता है. सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है.

Savan Maas 2023 : सनातन धर्म में भगवान भोलेनाथ के बड़ी संख्या में भक्त हैं. भोलेनाथ उन देवताओं में गिने जाते हैं, जो अपने भक्तों की भक्ति से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा के बाद सावन का महीना शुरू हो जाता है. इस बार सावन का महीना 4 जुलाई 2023 से शुरू हो रहा है, जो पूरे 59 दिन चलने वाला है. इस बार सावन के महीने में अधिक मास भी पड़ रहा है जिसकी वजह से सावन का महीना 30 दिन की जगह 59 दिन का हो रहा है. सावन के माह में पड़ने वाले सोमवार के दिन किस विधि से पूजा करना चाहिए आइए जानते हैं दिल्ली निवासी ज्योतिषाचार्य पंडित आलोक पाण्डेया से.
सावन सोमवार 2023 की तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार सावन के महीने में 5 नहीं बल्कि 8 सोमवार पड़ने वाले हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि इस बार सावन का महीना 30 नहीं, बल्कि 59 दिनों का होने वाला है, क्योंकि इस बार श्रावण मास में अधिक मास पड़ रहा है. पहला सोमवार 10 जुलाई को पड़ रहा है, दूसरा सोमवार 17 जुलाई, तीसरा सोमवार 24 जुलाई, चौथा सोमवार 31 जुलाई, पांचवा सोमवार 7 अगस्त, छठवां सोमवार 14 अगस्त, 7वां सोमवार 21 अगस्त और आठवां यानी अंतिम सोमवार 28 अगस्त 2023 को पड़ रहा है.
सावन सोमवार पूजन सामग्री
भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना करने के लिए सावन का महीना सबसे पवित्र और सर्वश्रेष्ठ माना गया है. सावन के महीने में सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा कर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए आपको गंगा जल, बेलपत्र, कच्चा दूध, काले तिल, मिठाई, शक्कर, धतूरा, शमी की पत्ती, शहद आदि पूजा में शामिल करें.
सावन सोमवार 2023 पूजा-विधि
श्रावण मास के पहले सोमवार ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं, और निर्मल मन से हाथ में जल लेकर व्रत करने का संकल्प लें.
इसके बाद भगवान भोलेनाथ का दूध और गंगाजल मिले जल से जलाभिषेक करें. अब शक्कर और शहद अर्पित करें. इसके बाद भगवान भोलेनाथ पर धतूरा और बेलपत्र चढ़ाएं.
अब हाथ जोड़कर प्रणाम करें और उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं.
इस दौरान ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप अवश्य करें.