गाइडलाइन दरों की वृद्धि से भड़का जनाक्रोश, प्रदर्शन स्थल पहुंचे अरुण वोरा
दुर्ग में नागरिकों और व्यापारियों ने कलेक्टर कार्यालय के बाहर किया जोरदार प्रदर्शन, रजिस्ट्री शुल्क–गाइडलाइन दरों में बढ़ोतरी को बताया जनविरोधी कदम
दुर्ग। छत्तीसगढ़ में जमीन की रजिस्ट्री को महंगा करने वाले सरकारी फैसले के बाद पूरे प्रदेश में विरोध की लहर तेज हो गई है। नई गाइडलाइन दरों में की गई बढ़ोतरी और पंजीयन प्रक्रिया में अनियमितताओं के चलते आम नागरिकों के सामने भूमि पंजीयन अब और मुश्किल होता जा रहा है। लोगों का कहना है कि बढ़ा हुआ शुल्क उनकी क्षमता से परे है और इससे घर–जमीन खरीदने की उनकी वर्षों की बचत पर सीधा असर पड़ रहा है।
इसी मुद्दे को लेकर दुर्ग में शुक्रवार को नागरिक और व्यापारी संगठित होकर सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर कार्यालय पहुँचकर सरकार पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डालने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि बढ़ी हुई गाइडलाइन दरें पूरी तरह से जनविरोधी हैं और यदि सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
इस बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक अरुण वोरा भी प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे। उन्होंने लोगों की समस्याएँ सुनीं और पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया। वोरा ने कहा—
“रजिस्ट्री शुल्क और जमीन के बाजार मूल्य में की गई अत्यधिक बढ़ोतरी आम जनता पर सीधा प्रहार है। यह फैसला जनविरोधी है और इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। जनता पहले से ही बिजली दर वृद्धि, कटौती और धान खरीदी की अव्यवस्थाओं से परेशान है।”
वोरा ने बताया कि पहले भूमि के बाजार मूल्य का 30% कम करके पंजीयन शुल्क निर्धारित किया जाता था, जिससे लोगों को राहत मिलती थी। लेकिन अब यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई है और बाजार मूल्य का पूरा 100% ही आधार बना दिया गया है, जबकि शुल्क की दरें जस की तस रखी गई हैं। इससे आम जनता पर भारी आर्थिक दबाव बढ़ रहा है और असंतोष व्याप्त है।
दुर्ग सहित पूरे प्रदेश में इस मुद्दे पर विरोध सुलग रहा है और आम नागरिक सरकार से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
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