गार्ड का बेटा बना स्टार क्रिकेटर, धोनी-विराट-रोहित का चहेता, शेन वॉर्न ने कहा 'रॉक स्टार', घुड़सवारी-तलवार घुमाना पसंद...

गार्ड का बेटा बना स्टार क्रिकेटर, धोनी-विराट-रोहित का चहेता, शेन वॉर्न ने कहा 'रॉक स्टार', घुड़सवारी-तलवार घुमाना पसंद...

महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न ने उनको 'रॉक स्‍टार' का संबोधन दिया था जबकि एमएस धोनी उन्‍हें 'सर जडेजा' कहते हैं. इसके पीछे वजह भी है, गुजरात के रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) ऐसे खिलाड़ी है जो न केवल अपनी बैटिंग और बॉलिंग बल्कि फील्डिंग से भी किसी मैच का रुख बदलने की क्षमता रखते हैं. जडेजा का अंदाज, टीम इंडिया के अन्‍य साथी प्‍लेयर्स से अलग है. जहां विराट कोहली, रोहित शर्मा, हार्दिक पंड्या जैसे खिलाड़ी लक्‍जरी कारों और ब्रांडेड वॉचेज के दीवाने हैं, वहीं जडेजा को घुड़सवारी पसंद है. शतक या अर्धशतक बनाने के बाद तलवार की स्‍टाइल में बल्‍ले को घुमाना उनका 'सिग्‍नेचर स्‍टाइल' बन चुका है.

Ravindra Jadeja/Instagram

जडेजा को तलवारबाजी का शौक है.तलवारबाजी करते हुए उनके कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो चुके हैं.सोशल प्‍लेटफॉर्म X पर अपने पोस्‍ट के साथ हैशटैग राजपूतबॉय  का इस्‍तेमाल करना वे नहीं भूलते. क्रिकेट में खेल ने 35 वर्षीय इस हरफनमौला को वह सब दिया है जिसकी चाहत किसी इनसान को होती है. देशभर में बड़ी संख्‍या में उनके फैंस हैं. शोहरत के साथ वे खूब धन भी कमा रहे हैं. विभिन्‍न रिपोर्ट्स के अनुसार जडेजा की नेटवर्थ इस समय करीब 123 करोड़ रुपये है

तमाम मुश्किलों से जूझते हुए रवींद्र जडेजा ने इतनी शोहरत और संपत्ति हासिल की है. 6 दिसंबर 1988 को को सौराष्‍ट्र के नवग्राम खेड में जन्‍मे इस प्‍लेयर के पिता सिक्‍युरिटी गार्ड की नौकरी करते थे जबकि मां नर्स थीं. परिवार पर तब मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा था जब रसोई में आग लगने से मां की मौत हो गई. मां की असमय मौत से 'जड्डू' बुरी तरह टूट गए और उन्‍होंने क्रिकेट छोड़ने का भी इरादा कर लिया था लेकिन खेल में नाम कमाने के मां के सपने को याद करके उन्‍होंने मन मजबूत किया और फिर इसे साकार करने में जुट गए.

जूनियर स्‍तर पर रवींद्र जडेजा अंडर-19 वर्ल्‍डकप में भी भारत का प्रतिनिधित्‍व कर चुके हैं. वर्ष 2008 में विराट कोहली की कप्‍तानी में अंडर-19 वर्ल्‍डकप चैंपियन बनी भारतीय टीम में जडेजा भी शामिल थे. इसके एक वर्ष बाद ही 2009 में वे सीनियर स्‍तर पर इंटरनेशनल डेब्‍यू करने में सफल हो गए. करियर के शुरुआती दौर में जडेजा को बैटर के तौर पर भी काफी ऊंचा रेट किया जाता था.घरेलू क्रिकेट में तीन दोहरे शतक उनके नाम पर दर्ज हैं लेकिन समय गुजरने के साथ बैटर के बजाय बॉलर के तौर पर उनका नाम ज्‍यादा चमका