तेज रफ्तार कार ने ली मासूम की जान: फुटबॉल खेलकर लौट रही बच्ची की मौत, मां बेसुध, CCTV भी ‘खामोश’
भिलाई के खुर्सीपार में हादसे के बाद परिजनों ने थाने का किया घेराव, कैमरे खराब मिले, पुलिस पर लापरवाही का आरोप
भिलाई में एक दर्दनाक हादसे ने पूरे मोहल्ले को झकझोर कर रख दिया। फुटबॉल खेलकर लौट रहे भाई-बहन को एक तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी, जिससे 10 वर्षीय अंशिका की इलाज के दौरान मौत हो गई। घायल भाई अस्पताल में भर्ती है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस आरोपी को बचा रही है, और इलाके के सभी CCTV कैमरे घटना के समय बंद मिले हैं।
भिलाई | सेक्टर-1 स्थित राजेश पटेल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से फुटबॉल खेलकर लौट रहे दो मासूमों को एक बेकाबू कार ने अपनी चपेट में ले लिया। हादसा 29 मई की सुबह हुआ, जब 10 वर्षीय अंशिका और उसका 8 वर्षीय भाई अंकुश साइकिल से अपने घर बापू नगर, खुर्सीपार लौट रहे थे।
गैरेज रोड पर अचानक एक तेज रफ्तार कार ने दोनों बच्चों को टक्कर मार दी। हादसे के बाद चालक मौके से फरार हो गया। खून से लथपथ दोनों बच्चों को पास के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल ले जाया गया। गंभीर हालत में अंशिका को पहले बीएम शाह, फिर रामकृष्ण केयर और अंत में श्री शंकराचार्य हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। अंकुश खतरे से बाहर है।
इलाज के दौरान अंशिका ने दम तोड़ा
2 जून को अंशिका की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस खबर से परिजनों में आक्रोश फैल गया। सोमवार को उन्होंने भट्ठी थाने का घेराव करते हुए पुलिस पर आरोपी को बचाने का आरोप लगाया। गुस्साए परिजनों का कहना है कि समय पर कार्रवाई और इलाज होता तो उनकी बच्ची बच सकती थी।
"कैमरे भी चुप हैं": पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
पीड़िता के मामा विनय कुमार गौतम ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस ने कहा कि गैरेज रोड पर लगे सभी CCTV कैमरे खराब थे। लाखों की लागत से लगाए गए कैमरे अगर चालू होते तो शायद दोषी कार चालक की पहचान हो जाती। उन्होंने ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उस पर भी हत्या का केस दर्ज करने की मांग की।
वार्ड पार्षद ने मुआवजे की मांग उठाई
बापू नगर वार्ड की पार्षद सरिता देवी ने भी थाने पहुंचकर परिवार के साथ एकजुटता जताई। उन्होंने मांग की कि पुलिस तत्काल आरोपी की गिरफ्तारी करे और पीड़ित परिवार को सरकार द्वारा मुआवजा दिलवाए।
मां बेसुध, परिवार सदमे में
हादसे के बाद से अंशिका की मां गहरे सदमे में है। वह न कुछ बोल रही है, न कुछ खा रही है। थाने लाने के दौरान भी वह अचेत अवस्था में थी, जिसे महिलाओं की मदद से किसी तरह थाना परिसर तक लाया गया।