"बिजली दरों की मार से जनता बेहाल, कांग्रेस बोली — ‘भाजपा सरकार ने जेब काटने का नया फॉर्मूला निकाला’"

घरेलू, व्यवसायिक और कृषि उपयोगकर्ताओं के लिए बिजली दरों में बढ़ोतरी पर कांग्रेस ने जताया विरोध; अरुण वोरा ने सरकार पर लगाए जनविरोधी फैसलों के आरोप।

"बिजली दरों की मार से जनता बेहाल, कांग्रेस बोली — ‘भाजपा सरकार ने जेब काटने का नया फॉर्मूला निकाला’"

छत्तीसगढ़ में बिजली दरों में बढ़ोतरी को लेकर एक बार फिर राजनीति गरमा गई है। घरेलू, गैर-घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं के लिए बढ़ी दरों को कांग्रेस ने जनता पर ‘आर्थिक करंट’ करार देते हुए भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। वरिष्ठ नेता अरुण वोरा ने तीखे शब्दों में कहा कि “हमने आधी बिजली बिल योजना चलाई थी, लेकिन भाजपा सरकार ने पूरी जेब ही काट दी।

दुर्ग। महंगाई की मार झेल रही छत्तीसगढ़ की जनता को अब बिजली के बढ़े हुए बिलों का सामना करना पड़ेगा। राज्य विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जारी नए टैरिफ के अनुसार 1 जुलाई 2025 से बिजली दरों में वृद्धि लागू हो गई है, जिससे लगभग 60 लाख उपभोक्ता प्रभावित होंगे।

नई दरों के अनुसार: घरेलू उपभोक्ताओं के लिए ₹0.10 से ₹0.20 प्रति यूनिट

गैर-घरेलू श्रेणी में ₹0.25 प्रति यूनिट

कृषि पंपों के लिए ₹0.50 प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है। न

इस फैसले पर पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता अरुण वोरा ने कड़ा विरोध जताया और कहा, “भाजपा सरकार ने जनता को स्मार्ट मीटर के नाम पर गुमराह किया और अब बिजली दरें बढ़ाकर सीधी लूट मचा दी है। जब हमने कांग्रेस सरकार में ‘आधी बिजली बिल’ योजना चलाई थी, तब जनता को बड़ी राहत मिली थी, लेकिन अब भाजपा सरकार ने पूरी जेब काटने की ठान ली है।”

वोरा ने कहा कि भाजपा सरकार को गरीबों और मध्यम वर्ग की कोई चिंता नहीं, वह सिर्फ उद्योगपतियों के हित साधने में लगी है। किसानों को भी नहीं बख्शा गया — कृषि पंपों की दरें बढ़ाकर सरकार ने उनकी कमर तोड़ दी है।

कांग्रेस ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए:

  • पिछले 18 महीनों में बिजली दरों में 19.31% की वृद्धि
  • स्मार्ट मीटर से बढ़े बिल और गलत रीडिंग की शिकायतें
  • बिजली आपूर्ति में निरंतरता नहीं, फिर भी दरों में बढ़ोतरी
  • किसानों के लिए वादा किया गया छूट, लेकिन उल्टा बोझ डाला गया

बिजली कंपनी का तर्क है कि उत्पादन लागत ₹7.02 प्रति यूनिट है, जबकि उपभोक्ताओं से वसूली इससे काफी कम है। लेकिन कांग्रेस का कहना है कि यह सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी है और आम जनता की तकलीफों पर परदा डालने की कोशिश।

वोरा ने चेताया कि यदि सरकार ने यह निर्णय वापस नहीं लिया तो कांग्रेस इसे सड़क से सदन तक मुद्दा बनाएगी। “हर घर की तकलीफ अब कांग्रेस की ताकत बनेगी,” उन्होंने कहा।