भिलाई चरोदा निगम के नेता प्रतिपक्ष बने खिलावन वर्मा:दुर्ग सांसद, भाजपा जिलाध्यक्ष सहित कई दिग्गज नेता रहे चुनाव में मौजूद

भिलाई चरोदा निगम के नेता प्रतिपक्ष बने खिलावन वर्मा:दुर्ग सांसद, भाजपा जिलाध्यक्ष सहित कई दिग्गज नेता रहे चुनाव में मौजूद

भिलाई. भिलाई चरोदा नगर निगम में चुनाव के लंबे समय के बाद वहां नेता प्रतिपक्ष चुना गया। इसके लिए बुधवार को पार्षद दल की बैठक बुलाई गई। देर शाम तक चली बैठक के बाद राम खिलावन वर्मा को नेता प्रतिपक्ष और चंद्र प्रकाश पाण्डेय को उपनेता प्रतिपक्ष की जवाबदारी दी गई।

जनवरी 2022 में भिलाई, भिलाई तीन और रिसाली नगर निगम का चुनाव हुआ था। तीनो निगम में काग्रेस के अधिक पार्षदों ने चुनाव जीता और उनकी पार्टी का मेयर चुना गया। निगम चुनाव को लगभग डेढ़ साल बीत गए हैं, लेकिन भिलाई नगर निगम को छोड़कर अन्य दो निगमों में भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष का चुनाव नहीं किया। सबसे पहले भिलाई नगर निगम का नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा को चुना गया। इसके बाद अब 12 अप्रैल को भिलाई चरोदा निगम का नेता प्रतिपक्ष चुना गया है। इसके बाद जल्द ही रिसाली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष का चुनाव होगा। भिलाई चरोदा नगर निगम में 40 वार्ड हैं। इसमें 19 कांग्रेस के पार्षद, 14 बीजेपी और 7 निर्दलीय पार्षद चुने गए थे।

सभी पार्षदों ने मिलकर किया नेता प्रतिपक्ष का चुनाव
भाजपा भिलाई के जिलाध्यक्ष बृजेश बिचपुरिया और सांसद विजय बघेल के नेतृत्व में भिलाई चरोदा निगम के 14 पार्षद दल को बुलाकर बैठक की गई। बैठक में सभी पार्षदों की नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष के नाम का चयन के लिए राय जानी गई। इसके बाद भिलाई चरोदा निगम का नेता प्रतिपक्ष राम खिलावन वर्मा को बनाया गया है। इसके साथ ही चंद्र प्रकाश पांडेय को उपनेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी मिली। वहीं तुलसी ध्रुव को पार्षद दल का सचेतक बनाया गया है।
20 साल बाद कांग्रेस का चरोदा निगम में बना महापौर
इस बार चरोदा नगर निगम के चुनाव में अपनी जीत दर्ज करने के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत लगाई थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद यहां चुनाव प्रचार में पहुंचे थे। इसके चलते 20 साल बाद भिलाई चरोदा नगर निगम में कांग्रेस के निर्मल कोसरे ने महापौर पद पर जीत हासिल की।
बैठक से निराश होकर निकले सीनियर पार्षद
बैठक से निराश होकर सीनियर पार्षद निकल गए। पूछने पर व्यक्तिगत कारणों से जाना बताया। वहीं बाद में नाराज पार्षदों को वापस बुलाकर मना लिया गया। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने सभी वर्ग को इसमें साध लिया है। पिछड़ा वर्ग को कमान देकर एक संदेश भी दिया गया है।