बिजली बिल हाफ योजना में बड़ा बदलाव: अब केवल 100 यूनिट तक ही मिलेगी राहत, उपभोक्ताओं पर बढ़ा भार

भाजपा सरकार ने कांग्रेस कार्यकाल की 400 यूनिट तक हाफ बिजली बिल योजना को घटाया, कांग्रेस ने लगाया 'जनता से विश्वासघात' का आरोप
छत्तीसगढ़ में अब घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिल में पहले से दोगुना भुगतान करना होगा। भूपेश बघेल सरकार द्वारा लागू 400 यूनिट तक की हाफ बिजली बिल योजना को भाजपा सरकार ने संशोधित कर सिर्फ 100 यूनिट तक सीमित कर दिया है। कांग्रेस ने इस फैसले को जनता के साथ बड़ा धोखा बताया है।
दुर्ग। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के उपभोक्ताओं को अब 1 अगस्त 2025 से बिजली बिल में दोगुना भुगतान करना होगा, क्योंकि राज्य सरकार ने हाफ बिजली बिल योजना में बड़ा बदलाव किया है। अब केवल 100 यूनिट तक की मासिक खपत पर ही उपभोक्ताओं को आधे बिल की राहत मिलेगी, जबकि पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने यह सीमा 400 यूनिट तक निर्धारित की थी।
प्रदेश सरकार के इस निर्णय पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। दुर्ग ग्रामीण जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने इसे जनता के साथ विश्वासघात बताते हुए कहा कि बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ की जनता को सरकार ने एक और बोझ सौंपा है। उन्होंने कहा कि जब कोयला, पानी और ज़मीन छत्तीसगढ़ की है, तो यहां के नागरिकों को बिजली महंगी क्यों दी जा रही है?
श्री ठाकुर ने आगे कहा कि कांग्रेस शासनकाल में लगभग 65 लाख उपभोक्ताओं को राहत मिली थी, लेकिन भाजपा सरकार ने इस योजना को लगभग समाप्त कर दिया है। अब 100 यूनिट से ज्यादा बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को पूरा बिजली बिल चुकाना होगा, यानी उन्हें सीधे तौर पर दोगुना बिल देना पड़ेगा।
इतना ही नहीं, गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 'एकलबत्ती' कनेक्शन धारकों को भी अब मुफ्त बिजली नहीं, बल्कि प्रति यूनिट 30 पैसे देना होगा। कांग्रेस का आरोप है कि यह फैसला राज्य की जनता को आर्थिक रूप से चोट पहुंचाने वाला है।
राकेश ठाकुर ने चेतावनी दी कि यह फैसला सरकार की जनविरोधी नीतियों का प्रतीक है और जनता इसका जवाब उचित समय पर देगी।