महाशिवरात्रि पर भूल से भी न करें ये गलतियां, रूठ जाएंगे शिवजी, ज्योतिषाचार्य से जानें सबकुछ

महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी को मनाया जाएगा. यह पर्व भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन उत्सव के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं, इस व्रत के दौरान कई तरह की सावधानी बरतनी होती है. मिर्जापुर के ज्योतिषाचार्य पंडित जगदीश द्विवेदी ने व्रत और पूजा को लेकर खास बात बताई हैं.

महाशिवरात्रि पर भूल से भी न करें ये गलतियां, रूठ जाएंगे शिवजी, ज्योतिषाचार्य से जानें सबकुछ

देवों के देव भगवान शिव का सबसे बड़ा पर्व महाशिवरात्रि है. हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन उत्सव के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार यह पर्व 18 फरवरी को है. जबकि भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का व्रत विशेष महत्व रखता है. खासकर महाशिवरात्रि पर मंदिरों में हिंदू धर्म के आस्थावानों का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है. ऐसे में आइए आपको बताते हैं इस दिन क्या करने से बचना चाहिए.

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी (शनिवार) को मनाया जाएगा. महाशिवरात्रि का पर्व प्रति वर्ष फाल्गुन माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. मिर्जापुर के ज्योतिषाचार्य पंडित जगदीश द्विवेदी ने न्‍यूज़ 18 लोकल के महाशिवरात्रि पर क्‍या करें और क्‍या न करें के सवालों पर खास बातचीत की है.

शुभ काल के दौरान करें पूजा
ज्योतिषाचार्य पंडित जगदीश द्विवेदी ने न्‍यूज़ 18 लोकल को बताया कि भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा महाशिवरात्रि के दिन शुभ काल के दौरान ही करनी चाहिए. शुभ काल में पूजा करने से व्यक्ति को सम्पूर्ण फल मिलता है. उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि के पर्व पर रात्रि में चार बार शिव पूजन की परंपरा है. इस दिन इन चारों पहर पूजन करने से सभी पापों और कष्टों का निवारण होने के साथ ही घर में सुख समृद्धि भी आती है.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान
>>ज्योतिषाचार्य पंडित जगदीश द्विवेदी के मुताबिक, महाशिवरात्रि के दिन सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए. प्रातः काल जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद ही कुछ ग्रहण करना उचित होता है.
>> यदि व्रत हैं तो जरूरी नहीं है कि कपड़े नये हों, लेकिन साफ सुथरे कपड़े ही पहनें.
>>महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर काले कपड़े को धारण करने से बचना चाहिए.
>>शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाना चाहिए. साथ ही तीन पत्रों वाला बेलपत्र भगवान को अर्पित करें.
>>भगवान शिव को अक्षत चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें कि चावल टूटा हुआ न हो.
>> इस दिन खाद्य पदार्थों से दूर रहें. फलाहार का सेवन करें.