मासिक शिवरात्रि 13 सितंबर को, शनि को शांत करने का बेहतर मौका, ये है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

देवघर के ज्योतिषाचार्य पंडित नन्द किशोर मुद्गल ने कहा कि भाद्रपद की मासिक शिवरात्रि 13 सितंबर को पड़ रही है. भगवान भोलेनाथ पर प्रदोष काल में बेलपत्र, भांग, धतूरा, शम्मी पत्र और हल्दी व दही का लेप लगाने से सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही कुछ उपाय ऐसे भी हैं जिन्हें करने से शनि ग्रहों से मुक्ति मिलती है.

मासिक शिवरात्रि 13 सितंबर को, शनि को शांत करने का बेहतर मौका, ये है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

 शिवरात्रि का दिन भगवान भोलेनाथ को अतिप्रिय है. लेकिन क्या आपको पता है कि हर महीने शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. इसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता है. मासिक शिवरात्रि हर महीने की कृष्णा पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सारी मनोकामना पूर्ण होती है.

ज्योतिषाचार्य पंडित नन्द किशोर मुद्गल बताते हैं कि भाद्रपद की मासिक शिवरात्रि 13 सितंबर को पड़ रही है. शिवभक्तों के लिए मासिक शिवरात्रि का दिन बहुत ही शुभ दिन रहता है. इस दिन जो भक्त भगवान शिव की पूजा विधि-विधान से करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूर्ण होती हैं.

ऐसे करें रूद्राभिषेक

देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नन्द किशोर मुद्गल ने लोकल 18 कहा कि भाद्रपद की मासिक शिवरात्रि 13 सितंबर को पड़ रही है. भगवान भोलेनाथ पर रुद्राभिषेक करने से विशेष कर प्रदोष काल में बेलपत्र, भांग, धतूरा, शम्मी पत्र और हल्दी व दही का लेप लगाने से सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही कुछ उपाय ऐसे भी हैं जिन्हें करने से शनि ग्रहों से मुक्ति मिलती है. साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है.

शनि दोष होगा दूर

लगातार आपके जीवन में परेशानियां आ रही हैं. दुर्घटना से बच रहे हैं. खर्च भी बढ़ गया है तो समझ जाइए कि आपकी कुंडली में शनि दोष है. इन चीज़ों से बचने के लिए मासिक शिवरात्रि के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव को बेलपत्र, शम्मी पत्र ओर कनेल का फूल अर्पित करें. साथ ही गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करें. निश्चित रूप से शनि का दोष समाप्त हो जाएगा.

क्या है शुभ मुहूर्त

मासिक शिवरात्रि 12 सितंबर की रात्रि 2 बजकर 21 मिनट से प्रारंभ हो रही है और अगले दिन 13 सितंबर की रात्रि 3 बजकर 25 मिनट पर इसका समापन हो रहा है. इसलिए उदया तिथि के अनुसार 13 सितंबर को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा. पूजा का शुभ मुहूर्त सूर्योदय से दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तक है. वहीं प्रदोष काल की पूजा शाम 5 बजकर 11 मिनट से 8 बजकर 36 मिनट तक करना अच्छा माना जाएगा.