शिव महापुराण कथा के समापन पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की सपत्निक सहभागिता, तीर्थ विकास योजनाओं की दी जानकारी
श्रावण मास में शिव कथा के अमृतपान से भावविभोर हुए श्रद्धालु, भोरमदेव के विकास के लिए 146 करोड़ की स्वीकृति और तीर्थ योजनाओं के लाभ की दी जानकारी
श्रावण मास के पावन अवसर पर भिलाई में आयोजित सात दिवसीय शिव महापुराण कथा के समापन समारोह में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सपत्निक शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने न केवल श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं, बल्कि प्रदेश में तीर्थ स्थलों के व्यापक विकास और आध्यात्मिक पर्यटन को लेकर सरकार की योजनाओं की जानकारी भी साझा की।
भिलाई। श्रावण मास की सात दिवसीय शिव महापुराण कथा का समापन आज भिलाई में भक्तिभाव और आध्यात्मिक उल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय अपनी धर्मपत्नी के साथ विशेष रूप से उपस्थित हुए और आरती में सम्मिलित होकर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की।
बोलबम समिति द्वारा आयोजित इस कथा श्रृंखला का शुभारंभ 30 जुलाई को हुआ था, जिसमें मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा जी ने अपने ओजस्वी वाणी से हजारों श्रद्धालुओं को शिव भक्ति में सराबोर कर दिया। मुख्यमंत्री ने व्यासपीठ एवं आयोजन समिति का छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से अभिनंदन किया।
बोलबम समिति द्वारा आयोजित इस कथा श्रृंखला का शुभारंभ 30 जुलाई को हुआ था, जिसमें मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा जी ने अपने ओजस्वी वाणी से हजारों श्रद्धालुओं को शिव भक्ति में सराबोर कर दिया। मुख्यमंत्री ने व्यासपीठ एवं आयोजन समिति का छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से अभिनंदन किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि “संपूर्ण छत्तीसगढ़ शिवमय है। जशपुर के मधेश्वर महादेव से लेकर कवर्धा के भोरमदेव और गरियाबंद के भूतेश्वर तक, प्रदेश के कोने-कोने में महादेव विभिन्न स्वरूपों में विराजमान हैं।” उन्होंने बताया कि उनके गृह ग्राम बगिया में भी फलेश्वर महादेव का मंदिर है, जहां प्रति सोमवार श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार सभी तीर्थ स्थलों के संरक्षण और विकास हेतु संकल्पित है। इसी क्रम में कवर्धा स्थित बाबा भोरमदेव के मंदिर क्षेत्र के उन्नयन हेतु 146 करोड़ रुपये की परियोजना स्वीकृत की गई है।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के शक्तिपीठों के विकास हेतु शुरू की गई शक्ति कॉरिडोर योजना का जिक्र करते हुए बताया कि डोंगरगढ़, रतनपुर, दंतेवाड़ा, चंद्रपुर और सूरजगढ़ी में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों के मंदिरों को भव्य धार्मिक पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने श्रीराम लला दर्शन योजना के माध्यम से श्रद्धालुओं को अयोध्या धाम ले जाने की जानकारी दी और बताया कि अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु इसका लाभ ले चुके हैं। साथ ही उन्होंने डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में प्रारंभ तीर्थ दर्शन योजना को पुनः शुरू किए जाने की जानकारी दी, जिससे वरिष्ठ नागरिक, परित्यक्त एवं विधवा महिलाएं देश के 19 प्रमुख तीर्थ स्थलों के दर्शन कर रही हैं।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान महादेव की कृपा और देवी शक्ति का आशीर्वाद छत्तीसगढ़ पर सदैव बना रहे। उन्होंने समस्त श्रद्धालुओं और आयोजन समिति को श्रावण मास की शुभकामनाएं देते हुए आयोजनों को निरंतर आगे बढ़ाने का संदेश दिया।
इस अवसर पर अहिवारा विधायक श्री डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, दुर्ग विधायक श्री गजेन्द्र यादव, वैशाली नगर विधायक श्री रिकेश सेन, भिलाई महापौर श्री नीरज पाल, संभाग आयुक्त एस.एन. राठौर, आईजी आर.जी. गर्ग, कलेक्टर अभिजीत सिंह, एसएसपी विजय अग्रवाल सहित कई अधिकारीगण, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।