रायपुर के WRS-BTI ग्राउंड BJP का कब्जा, कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस के हिसाब से जला दशानन

रायपुर शहर में रावण को कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा के हिसाब से जलना पड़ता है। इस बार भी कुछ ऐसा ही है। 2023 अक्टूबर तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, तब रायपुर के WRS-BTI ग्राउंड में कांग्रेसियों का दबदबा था। अब BJP सरकार है तो भाजपाइयों ने आयोजन में कब्जा जमाया है।
वहीं दशहरा उत्सव समितियों में सचिव और अध्यक्ष जैसे पदों पर पिछली बार रहे कांग्रेस नेताओं को किनारे कर भाजपा के नेता आयोजनों का जिम्मा संभाले हुए हैं। इसे यूं कहा जा सकता है कि जिसकी सरकार उसका रावण..। इस पर सियासी विवाद भी छिड़ गया है।
WRS कॉलोनी मैदान में छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा 100 फीट से ऊंचा रावण दहन होता है। बीते 5 साल से कांग्रेस नेता राधेश्याम विभार जो इस इलाके के पार्षद रहे हैं। वह पिछली बार सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति के सचिव रहे। इस बार विभार नाराज हैं, क्योंकि इलाके के विधायक पुरंदर मिश्रा आयोजन संभाल रहे हैं।
विभार ने कहा कि इस बार के आयोजन के लिए कोई कमेटी ही नहीं बनी। यहां राजनीति नहीं होती थी। 15 साल जब मंत्री रह चुके राजेश मूणत यहां आयोजन संभाला करते थे, मैंने तब भी काम किया। मैंने इस बार कमेटी को लेकर बात कही तो विधायक पुरंदर मिश्रा गोल-गोल घुमाते रहे। मुझे जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा कि मैदान में आए तो मुझे बुलाया मगर कोई टीम तय नहीं की। अपने वर्चस्व के लिए आयोजन करने लगे। दशहरा के इवेंट को वो भाजपा मय करना चाहते हैं, दशहरा उत्सव समिति को भाजपा उत्सव समिति बनाना चाह रहे हैं।
WRS ग्राउंड में बिना कोई कमेटी गठित किए आयोजन करने के सवाल पर विधायक पुरंदर मिश्रा ने कहा कि हां कोई कमेटी नहीं बनी है, जैसे पहले चलता था चला रहे हैं। राजेश मूणत 15 साल तक आयोजन करते थे, पिछली बार कांग्रेस के एजाज ढेबर राधेश्याम विभार ने आयोजन किया है।
महापौर को मैंने पत्र भेजा है, राधेश्याम विभार को भी सूचित किया है। कार्यक्रम में आने के लिए सबको जो सम्मान मिलना चाहिए प्रॉपर सबको दिया जा रहा है। मैं लोकल विधायक हूं, दशहरा समिति के लोगों के आग्रह पर आयोजन से जुड़ा हूं। WRS ग्राउंड में 53 सालों रावण प्रतिमा बनाने वाली टीम नेशनल क्लब है। इस ग्रुप के संस्थापक जी स्वामी ने बताया कि यहां सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति में पहले कांग्रेस के नेता तरुण चटर्जी हुआ करते थे, फिर भाजपा के राजेश मूणत आए। उनके बाद कांग्रेस के विधायक कुलदीप जुनेजा और महापौर एजाज ढेबर ने आयोजन का जिम्मा संभाला। अब ये एक तरह से शासन का ही कार्यक्रम हो चला है, क्योंकि व्यवस्थाएं यहां सरकार ही करती है। इस वजह से नेताओं का इन्वॉल्वमेंट हो जाता है।
प्राचीन भारत में बड़े-बड़े मैदानी इलाकों में रियासतें जीतने का युद्ध हुआ करता था। रायपुर में पिछले साल BTI ग्राउंड में रावण किसका जलेगा इस मुद्दे पर सियासी युद्ध हुआ था। भाजपा नेता संजय श्रीवास्तव अपने आयोजन पर अड़े थे। इलाके के पूर्व कांग्रेसी पार्षद राकेश धोतरे ने मैदान में अपना रावण पुतला खड़ा कर दिया था।
स्थिति ये हुई कि दोनों गुटों में झड़प हुई। एक ही मैदान में दो दुर्गा पंडाल भी इन्हीं नेताओं ने बनाए थे। दो रावण भी जले। सड़क पर चक्काजाम करने की वजह से श्रीवास्तव समेत 18 भाजपा नेताओं पर FIR दर्ज की गई थी। अब इस मैदान में शनिवार को भाजपा समर्थित आयोजन समिति का रावण दहन होगा।