8 साल से भारतीय पहचान की आड़ में रह रहीं थीं बांग्लादेशी महिलाएं, दुर्ग में बड़ा खुलासा

फर्जी आधार और शादी के दस्तावेजों के सहारे रह रही थीं महिलाएं, सेक्स रैकेट जांच में सामने आया नेटवर्क

दुर्ग में दो बांग्लादेशी महिलाओं द्वारा वर्षों से फर्जी पहचान के सहारे भारत में रहने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने इन्हें उस वक्त गिरफ्तार किया जब एक सेक्स रैकेट की छानबीन में इनके नंबर संदिग्ध गतिविधियों से जुड़े मिले। जांच में सामने आया कि दोनों महिलाओं ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर भारतीय नागरिक होने का नाटक रचा था।

दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में फर्जी पहचान के सहारे अवैध रूप से रह रही दो बांग्लादेशी महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई मोहन नगर थाना क्षेत्र में की गई है और यह राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ एसटीएफ की तीसरी बड़ी कार्रवाई है।

पुलिस के अनुसार, इन दोनों महिलाओं की पहचान खुशबू बेगम और सनाया नूर के रूप में हुई है, जो पिछले 15 वर्षों से अवैध रूप से भारत में रह रही थीं और पिछले 8 वर्षों से छत्तीसगढ़ में जड़ें जमा चुकी थीं।

इन महिलाओं ने खुद को रानी पासवान और सपना शर्मा नाम से भारतीय नागरिक दर्शाया था और फर्जी आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड और वोटर ID बनवाकर स्थानीय पहचान भी हासिल कर ली थी।

जांच में सामने आया कि सनाया नूर ने 2019 में एक व्यक्ति को फर्जी पति बनाकर दस्तावेजों में नाम दर्ज कराया। उसने इंटरनेट कॉल के ज़रिए बांग्लादेश के कई नंबरों से लगातार संपर्क बनाए रखा था, जिससे अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की आशंका को बल मिलता है।

खुशबू बेगम ने पश्चिम बंगाल में कई वर्षों तक अलग-अलग नामों से रहकर पहचान छुपाई और बाद में छत्तीसगढ़ में बस गई। उसने भी झूठी शादी दिखाकर सरकारी दस्तावेज हासिल किए।

इस मामले में पुलिस ने उन मकान मालिकों को भी नोटिस जारी किया है जिन्होंने बिना वैध दस्तावेज के इन महिलाओं को किराए पर रखा। यदि जांच में उनकी संलिप्तता पाई जाती है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

  • दो बांग्लादेशी महिलाएं 8 वर्षों से भारतीय नाम से रह रही थीं
  • सेक्स रैकेट की जांच में मोबाइल नंबर से हुआ पर्दाफाश
  • फर्जी शादी और दस्तावेजों से बनाई भारतीय पहचान
  • बांग्लादेश से इंटरनेट कॉल पर बनी रहती थी बातचीत
  • मकान मालिक भी जांच के घेरे में